कोसी महासेतु पर ट्रेनों के परिचालन की मिली हरी झंडी, 22 किमी में सिमटेगा 300 किमी का सफर
सुपौल : कोसी ब्रिज सहित सरायगढ़-आसनपुर कुपहा नवनिर्मित नई लाईन पर मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त द्वारा ट्रेन परिचालन की स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है. गौरतलब है कि मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त शैलेश कुमार पाठक द्वारा गत 13 अगस्त को कोसी ब्रिज के साथ 13 किमी लंबे सरायगढ़-असनपुर कुपहा नई लाइन का सफलतापूर्वक निरीक्षण किया गया था.
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सुपौल : कोसी ब्रिज सहित सरायगढ़-आसनपुर कुपहा नवनिर्मित नई लाईन पर मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त द्वारा ट्रेन परिचालन की स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है. गौरतलब है कि मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त शैलेश कुमार पाठक द्वारा गत 13 अगस्त को कोसी ब्रिज के साथ 13 किमी लंबे सरायगढ़-असनपुर कुपहा नई लाइन का सफलतापूर्वक निरीक्षण किया गया था. यह रेलखंड सरायगढ़-निर्मली नई रेल लाइन परियोजना का एक भाग है.
13 को किया था निरीक्षण
निरीक्षण के उपरांत मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त द्वारा 14 अगस्त को राघोपुर से आसनपुर कुपहा तक 110 किमी प्रति घंटा की गति से स्पीड ट्रायल भी किया गया था. निरीक्षण के उपरांत मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त ने संरक्षा तथा सुरक्षा मानकों को पूरा करते हुए कोसी ब्रिज पर 80 किलोमीटर प्रति घंटा तथा सरायगढ़-आसनपुर कुपहा रेलखंड पर 100 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से ट्रेनों के परिचालन की स्वीकृति दे दी है. पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि इस रेलखंड में सीआरएस के बाद ट्रेनों के परिचालन की स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है.
86 वर्ष बाद ट्रेन चलने की जगीउम्मीद
गौरतलब है कि अमान परिवर्तन को लेकर करीब 05 वर्षों से सुपौल-सरायगढ़ रेलखंड में ट्रेनों का परिचालन बंद है. वहीं सरायगढ़-निर्मली रेलखंड में र्वा 1934 से पूर्व छोटी लाइन की ट्रेनों का परिचालन होता था. लेकिन कोसी की बाढ़ एवं भयानक भूकंप की वजह से यह रेलखंड पूरी तरह तबाह हो गया था. सरायगढ़ व निर्मली के बीच आसनपुर कुपहा में पूर्व में निर्मित रेलखंड का कुछ अवशेष आज भी बचा हुआ है. करीब 86 साल बाद इस रेलखंड में ट्रेनों के पुन: परिचालन की उम्मीद से लोगों में काफी हर्ष का माहौल व्याप्त है. इस रेलखंड में ट्रेनों के चलने से कोसी व मिथिलांचल का फिर से एकीकरण हो जायेगा.
516 करोड़ की लागत से हुआ निर्माण
गौरतलब है कि लगभग 1.9 किलोमीटर लंबे नए कोसी ब्रिज सहित 22 किलोमीटर लंबे निर्मली-सरायगढ़ रेलखंड का निर्माण वर्ष 2003-04 में 323.41 करोड़ की लागत से स्वीकृत किया गया था. इसके उपरांत 06 जून 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा निर्मली में इसका शिलान्यास किया गया था. परियोजना की अद्यतन अनुमानित लागत 516.02 करोड़ है. 23 जून 2020 को इस नवनिर्मित रेल पुल पर पहली बार ट्रेन का सफलतापूर्वक परिचालन किया गया था. निर्मली से सरायगढ़ तक का सफर वर्तमान में दरभंगा-समस्तीपुर-खगड़िया- मानसी-सहरसा होते हुए लगभग 298 किलोमीटर का है. इस पुल व रेलखंड के निर्माण से यह दूरी मात्र 22 किलोमीटर में सिमट जायेगी.
posted by ashish jha