IND vs WI 2nd ODI: भारत और वेस्टइंडीज के बीच वनडे सीरीज का दूसरा मुकाबला बारबाडोस के केंसिंग्टन ओवल में खेला गया. इस मैच में वर्ल्ड कप से बाहर हो चुकी विंडीज टीम ने भारतीय टीम को 6 विकेट से हराकर ना सिर्फ सीरीज में बराबरी की, बल्कि टीम इंडिया की विनिंग स्ट्रीक का भी अंत किया. यह पिछले 5 सालों में वेस्टइंडीज की भारत पर वनडे फॉर्मेट में पहली जीत है, वहीं पिछले 10 वनडे मुकाबलों में उसने पहली बार भारत को हराया है.

दूसरे वनडे में टीम इंडिया का प्रयोग उसी पर भारी पड़ गया. इस मैच में हार्दिक पांड्या ने रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में टीम इंडिया की कमान संभाली. पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने 40.5 ओवर में सभी 10 विकेट खोकर 181 रन बनाए थे. इसके जवाब में कैरिबियाई टीम ने 36.4 ओवर में चार विकेट खोकर 182 रन बना लिए और 6 विकेट से मैच अपने नाम किया. अब सीरीज 1-1 से बराबर है. भारत पर 2006 के बाद वेस्टइंडीज से सीरीज हारने का खतरा मंडरा रहा है. तो आइए जानते हैं भारत की इस हार के 5 बड़े कारण क्या रहे.

रोहित-कोहली को आराम देना पड़ा भारी

वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे वनडे में टीम इंडिया की हार की सबसे बड़ी वजह रोहित शर्मा और विराट कोहली की गैरमौजूदगी रही. युवा खिलाड़ियों को आजमाने के लिए इन दोनों सीनियर खिलाड़ियों को आराम दिया गया था, मगर क्या वर्ल्ड कप से कुछ महीने पहले टीम मैनेजमेंट के इस फैसले को सही ठहराया जाएगा? इस मैच में टीम इंडिया को रोहित शर्मा की कप्तानी के साथ मिडिल ऑर्डर में विराट कोहली के अनुभव की काफी कमी महसूस हुई.

गिल-किशन के बाद ताश के पत्तों की तरह बिखरी टीम इंडिया

सीनियर खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में ईशान किशन को एक बार फिर पारी का आगाज करने का मौका मिला और उन्होंने सीरीज का लगातार दूसरा अर्धशतक जड़ते हुए शुभमन गिल के साथ 90 रनों की साझेदारी की. किशन ने 55 तो गिल ने 34 रन बनाए. लेकिन जैसे ही ये दोनों बल्लेबाज आउट हुए टीम संभल नहीं सकी और ताश के पत्तों की तरह ढह गई.

ओपनर्स को छोड़कर पूरा बैटिंग ऑर्डर फ्लोप

रोहित-विराट की गैरमौजूदगी में भी भारत के पास 8वें नंबर तक बल्लेबाजी के ऑपशन्स थे, वहीं कुलदीप यादव का भी डोमेस्टिक क्रिकेट में रिकॉर्ड शानदार रहा है. मगर इसके बावजूद टीम इंडिया 90 रनों की ओपनिंग पार्टनरशिप के बाद भी 181 रनों पर सिमट गई. भारत ने अगले 9 विकेट सिर्फ 91 रनों के अंदर खो दिए. इसे अब मेजबानों की कसी हुई गेंदबाजी कहे या फिर भारतीय बल्लेबाजों का फ्लॉप प्रदर्शन. 8 महीने बाद संजू सैमसन को नीली जर्सी में खेलने का मौका मिला था, मगर उन्होंने इस बार भी निराश किया. वहीं हार्दिक पांड्या और रविंद्र जडेजा जैसे बल्लेबाजी भी कुछ नहीं कर पाए. सूर्यकुमार यादव ने 24 रन की पारी जरूर खेली, मगर वह इस अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में तबदील नहीं कर पाए. भारत के कुल 5 बल्लेबाज सिंगल डिजिट पर आउट हुए.

नहीं चला स्पिनर्स का जादू

पहले वनडे में स्पिनर्स की अपार सफलता को देखते हुए टीम मैनेजमेंट ने दूसरे मुकाबले में अक्षर पटेल समेत कुलदीप यादव और रविंद्र जडेजा के रूप में तीन स्पिनर्स को खिलाने का फैसला किया. मगर इस बार भारतीय स्पिनर्स की एक ना चली. कुलदीप यादव को एकमात्र विकेट मिला, उन्होंने शिमरन हेटमायर को क्लीन बोल्ड किया, मगर जडेजा और अक्षर को एक भी सफलता नहीं मिली. हैरानी की बात यह रही कि तीनों स्पिनर्स ने मिलकर कुल 16 ही ओवर गेंदबाजी की जिसमें अक्षर पटेल को सबसे कम 2 ओवर मिले.

शाई होप की शानदार बल्लेबाजी

अच्छी शुरुआत के बाद वेस्टइंडीज की पारी लड़खड़ा गई थी. लक्ष्य का पीछा करने उतरी विंडीज टीम को काइल मेयर्स (36) और ब्रैंडन किंग (15) की जोड़ी ने अच्छी शुरुआत देते हुए पहले विकेट के लिए 53 रन जोड़े, मगर शार्दुल ठाकुर की कहर बरपाती गेंदबाजी के चलते मेजबानों ने 20 रन के अंदर 3 विकेट गंवा दिए. इसके बाद कुलदीप यादव ने 9 के निजी स्कोर पर शिमरन हेटमायर को बोल्ड कर मैच में रोमांच का तड़का लगाना चाहा, मगर कप्तान शाई होप (63) ने एक छोर पर टिके रहे और ब्रेंडन किंग (48) के साथ 5वें विकेट के लिए 91 रनों की नाबाद साझेदारी कर टीम को जीत दिलाई.

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