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Hardik Pandya: गौतम गंभीर के टीम इंडिया के चीफ कोच बनने के बाद टीम इंडिया के बड़े बदलाव दिखने लगे हैं. हार्दिंक पांड्या को दरकिनार कर चयनकर्ताओं ने सूर्यकुमार यादव को श्रीलंका दौरे के लिए टी20 कप्तान बनाया है. कप्तानी को लेकर क्रिकेट के जानकारों में बहस छिड़ गई है और कई ने टीम प्रबंधन के इस फैसले पर आश्चर्य जताया है. भारत के पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा ने इस मुद्दे पर अपनी राय रखते हुए कहा है कि हार्दिक पांड्या को टीम इंडिया के लिए कप्तानी की भूमिका नहीं दिए जाने पर दुखी नहीं होना चाहिए, बल्कि इसके बजाय बड़ी तस्वीर को देखना चाहिए.
बार-बार चोटिल होने की वजह से गई हार्दिक की कप्तानी
रॉबिन उथप्पा ने कहा कि हार्दिक पांड्या को व्यक्तिगत रूप से जानने के बाद आपको भी लगेगा कि यह निर्णय हार्दिक के लिए सर्वश्रेष्ठ को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर के अनुसार नये कोच गौतम गंभीर की नियुक्ति के बाद पांड्या को सफेद गेंद के प्रारूपों में किसी भी नेतृत्व की भूमिका में नहीं रखा गया, इसके पीछे उनकी फिटनेस और चोटिल होना प्रमुख कारण था. टीम प्रबंधन एक ऐसे खिलाड़ी को कप्तानी के रूप में देखना चाह रहा है, जिसमें निरंतरता हो और उसका फिटनेस उसे हर मैच के लिए उपलब्ध बनाए रखे.
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हार्दिक के हित में है उन्हें जिम्मेदारी से मुक्त करना : उथप्पा
उथप्पा ने आगे कहा कि कप्तानी का बोझ न होने से हार्दिक का अंतरराष्ट्रीय करियर लंबा हो जाएगा. एनडीटीवी के एक सवाल के जवाब में उथप्पा ने कहा कि अगर मैं हार्दिक की जगह होता तो मुझे लगता कि कुछ हद तक मेरा ख्याल रखा जाएगा. अगर मैं 34 या 35 साल का हूं और मैं ऐसा व्यक्ति हूं जो अपने पूरे करियर में चोटों से जूझता रहा हूं. और मुझे अपने करियर को आगे बढ़ाने की मानसिकता के साथ एक बड़ी जिम्मेदारी से मुक्त किया जाता है. तब मुझे अपने देश को लंबे समय तक अपनी सेवा देने का सबसे अच्छा मौका दिया गया है. इसे ध्यान में रखते हुए, मैं वास्तव में कहूंगा कि यह मेरे लिए सबसे अच्छी बात है.
मैं भी एक खिलाड़ी के रूप में ज्यादा समय तक खेलना चाहता : उथप्पा
उथप्पा ने कहा कि हार्दिक पांड्या को व्यक्तिगत रूप से जानने के बाद मैं कहूंगा कि वह ऐसा खिलाड़ी होगा जो कहेगा ‘ठीक है, उनका दृष्टिकोण भी सही है’. वे मेरे स्तर और क्षमता वाला खिलाड़ी चाहते हैं जो यथासंभव लंबे समय तक देश की सेवा करे. मैं भी ऐसा करना पसंद करूंगा. अगर आप मुझसे पूछें कि इन दोनों में से मैं क्या चुनूंगा, तो मैं कहूंगा कि मैं अपने देश का प्रतिनिधित्व करना और अधिक से अधिक विश्व कप जीतना पसंद करूंगा, भले ही मैं कप्तान हूं या सिर्फ एक खिलाड़ी.
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