Champions Trophy: चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की मेजबानी को लेकर पाकिस्तान को बड़ा झटका लगने वाला है. क्रिकबज की एक रिपोर्ट के अनुसार, आईसीसी के नये चेयरमैन जय शाह मेजबानी को लेकर पाकिस्तान की शर्तों को ठुकरा सकते हैं. शाह ने गुरुवार की रात बोर्ड की एक मीटिंग बुलाई थी, लेकिन उसे स्थगित कर दिया गया है. मीटिंग का एजेंडा पता नहीं चल पाया है, लेकिन कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इसका उद्देश्य चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी के मुद्दे का समाधान निकालना था. बीसीसीआई ने सुरक्षा कारणों से इस टूर्नामेंट के लिए पाकिस्तान की यात्रा करने से इनकार कर दिया है और आईसीसी पाकिस्तान को हाईब्रिड मॉडल के लिए मनाने में लगा है. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने हाईब्रिड मॉडल को अपनाने के लिए आईसीसी के सामने कुछ शर्तें रखी हैं, जिसे अब तक आईसीसी ने माना नहीं है.

Champions Trophy: मुआवजा मांग रहा है पाकिस्तान

क्रिकबज की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बोर्ड के अधिकांश सदस्य (कुल 15) मेजबानी के हाइब्रिड मॉडल के पक्ष में हैं. हालांकि, पीसीबी की मांग है कि अगर चैंपियंस ट्रॉफी को हाइब्रिड मॉडल पर आयोजित किया जाता है, तो भविष्य में भारत में होने वाले सभी आईसीसी इवेंट के लिए भी हाईब्रिड मॉडल अपनाया जाए. यह पीसीबी की सबसे पहली मांग है. पीसीबी की दूसरी मांग यह है कि अगर पांच मैच (भारत के तीन ग्रुप मैच, एक सेमीफाइनल और एक फाइनल) किसी तटस्थ स्थान पर खेले जाते हैं तो पीसीबी को इसका मुआवजा दिया जाए.

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Champions Trophy: त्रिकोणीय सीरीज की मांग भी होगी खारिज

इन दो बड़ी मांगों के अलावा पीसीबी ने कुछ और शर्तें भी रखी हैं. पीसीबी ने कथित तौर पर भारत, पाकिस्तान और किसी अन्य देश को शामिल करते हुए एक त्रिकोणीय सीरीज की मांग की है, जिसे तटस्थ स्थान पर आयोजित किया जाना चाहिए. यह देखना मजेदार होगा कि आईसीसी पीसीबी की इन मांगों को मानता है या नहीं. वर्तमान में, भारत और पाकिस्तान केवल आईसीसी और एशियाई क्रिकेट परिषद के आयोजनों में ही एक-दूसरे के साथ खेलते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि त्रिकोणीय सीरीज की मांग भी खारिज की जा सकती है.

Champions Trophy: भारत नहीं खेलेगा तो नहीं मिलेंगे प्रायोजक

पीसीबी ने यह भी कहा है कि हाइब्रिड मॉडल के तहत भारत और पाकिस्तान को अलग-अलग ग्रुप में रखा जाना चाहिए, जिससे पाकिस्तान को देश के बाहर कोई लीग मैच न खेलना पड़े. आईसीसी इस मांग को भी खारिज कर सकता है क्योंकि भारत बनाम पाकिस्तान मैच विश्व क्रिकेट में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला खेल है और ब्रॉडकास्टर और प्रायोजकों के लिए यह नुकसानदेह साबित होगा. पिछले दिनों आईसीसी के एक सूत्र ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा था कि भारत के बिना अगर आईसीसी का कोई भी आयोजन होता तो प्रायोजक नहीं मिलेंगे.