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Vaishakh Purnima 2021: कब है वैशाख पूर्णिमा, जानें इस दिन व्रत करने पर क्यों दूर होती है दुख और दरिद्रता

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Vaishakh Purnima 2021: सनातन धर्म में वैशाख पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है. इस दिन दान-पुण्य और धर्म-कर्म के अनेक कार्य किए जाते है. इस बार वैशाख पूर्णिमा का महत्व और ही अधिक बढ़ जाएगा. क्योंकि इस बार इस पूर्णिमा पर साल 2021 का पहला चंद्र ग्रहण लगेगा. पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान किये जाने का प्रावधान है. वैशाख मास धार्मिक दृष्टि से हर महीनों में उत्तम माना गया है. इस मास की पूर्णिमा तिथि को गंगा स्नान, दान, पुण्य और व्रत करने से विशेष लाभ मिलता है.

कोरोना काल में घर पर ही करें स्नान

देश में बहुत ही तेजी से कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ रहा है. कोरोना वायरस के संक्रमण का प्रसार को देखते हुए भक्तों को घर पर ही गंगा जल मिलाकर स्नान करना चाहिए. इस पूर्णिमा को सिद्ध विनायक पूर्णिमा और सत्य विनायाक पूर्णिमा कहते है. वैशाख पूर्णिमा की तिथि के दिन ही महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ था. इस लिए इसे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. इसी पूर्णिमा तिथि को महात्मा बुद्ध को बोधिसत्व की प्राप्ति भी हुई थी. इसी तिथि को उनका महानिर्वाण भी हुआ था.

वैशाख पूर्णिमा तिथि

इस साल 26 मई 2021 दिन बुधवार को वैशाख पूर्णिमा है. इसी दिन इस साल 2021 का पहला चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है. यह ग्रहण संपूर्ण भारत में नहीं दिखाई देगा. इसलिए इसका प्रभाव भारत में नहीं पड़ेगा.

वैशाख पूर्णिमा का महत्व

मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण ने वैशाख पूर्णिमा का महत्त्व अपने परम-मित्र सुदामा को उस समय बताया था. जब वे द्वारिका पहुंचे थे. श्री कृष्ण जी के बताने के अनुसार, सुदामाजी ने इस दिन व्रत किया था. इससे उनकी दरिद्रता और दुःख दूर हो गए थे. इसके बाद से वैशाख पूर्णिमा का महत्त्व और बढ़ जाता है.

वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना का भी विधान है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण हो जाती है. इस दिन व्रत करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है. वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध जयंती के रूप में भी मनाया जाता है.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

Vaishakh Purnima 2021: सनातन धर्म में वैशाख पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है. इस दिन दान-पुण्य और धर्म-कर्म के अनेक कार्य किए जाते है. इस बार वैशाख पूर्णिमा का महत्व और ही अधिक बढ़ जाएगा. क्योंकि इस बार इस पूर्णिमा पर साल 2021 का पहला चंद्र ग्रहण लगेगा. पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान किये जाने का प्रावधान है. वैशाख मास धार्मिक दृष्टि से हर महीनों में उत्तम माना गया है. इस मास की पूर्णिमा तिथि को गंगा स्नान, दान, पुण्य और व्रत करने से विशेष लाभ मिलता है.

कोरोना काल में घर पर ही करें स्नान

देश में बहुत ही तेजी से कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ रहा है. कोरोना वायरस के संक्रमण का प्रसार को देखते हुए भक्तों को घर पर ही गंगा जल मिलाकर स्नान करना चाहिए. इस पूर्णिमा को सिद्ध विनायक पूर्णिमा और सत्य विनायाक पूर्णिमा कहते है. वैशाख पूर्णिमा की तिथि के दिन ही महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ था. इस लिए इसे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. इसी पूर्णिमा तिथि को महात्मा बुद्ध को बोधिसत्व की प्राप्ति भी हुई थी. इसी तिथि को उनका महानिर्वाण भी हुआ था.

वैशाख पूर्णिमा तिथि

इस साल 26 मई 2021 दिन बुधवार को वैशाख पूर्णिमा है. इसी दिन इस साल 2021 का पहला चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है. यह ग्रहण संपूर्ण भारत में नहीं दिखाई देगा. इसलिए इसका प्रभाव भारत में नहीं पड़ेगा.

वैशाख पूर्णिमा का महत्व

मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण ने वैशाख पूर्णिमा का महत्त्व अपने परम-मित्र सुदामा को उस समय बताया था. जब वे द्वारिका पहुंचे थे. श्री कृष्ण जी के बताने के अनुसार, सुदामाजी ने इस दिन व्रत किया था. इससे उनकी दरिद्रता और दुःख दूर हो गए थे. इसके बाद से वैशाख पूर्णिमा का महत्त्व और बढ़ जाता है.

वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना का भी विधान है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण हो जाती है. इस दिन व्रत करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है. वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध जयंती के रूप में भी मनाया जाता है.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

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