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Holika Dahan 2024: होलिका दहन इस साल 24 मार्च को किया जाएगा. वहीं 25 मार्च को स्नान दान करना शुभ रहेगा. विश्वविद्यालय पंचांग के अनुसाार होली उत्सव 26 मार्च क मनाया जाएगा. होलिका दहन पर भद्रा का अशुभ काल 24 मार्च की रात करीब 10 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 12 बतजकर 20 मिनट तक रहेगा. इस साल 24 मार्च की रात 11 बजकर 14 मिनट से लेकर 12 बजकर 20 मिनट के बीच होलिका का दहन करना शुभ रहेगा है. हालांकि ये शुभ समय शहर और जगहों के अनुसार कुछ मिनट आगे-पीछे हो सकता है. इसलिए रात 11 बजे के बाद ही होली जलानी चाहिए.
पूर्णिमा तिथि दो दिन
इस साल पूर्णिमा तिथि दो दिन पड़ रही है. पूर्णिमा दो दिन तक होने के कारण लोगों में कन्फ्यूजन की स्थिति है. पंचांग के अनुसार 24 मार्च को सुबह करीब साढ़े 9 बजे तक चतुर्दशी तिथि रहेगी. फिर पूर्णिमा शुरू हो जाएगी जो कि 25 मार्च को दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगी. पूर्णिमा तिथि में 24 मार्च की रात होलिका दहन किया जाएगा, लेकिन पूर्णिमा तिथि में ही 25 मार्च को चंद्र ग्रहण लगेगा. हालांकि चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखने के कारण इसका महत्व नहीं रहेगा. ज्योतिषाचार्य श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि होलिका दहन पूर्णिमा तिथि में रात के समय करने का विधान है. 24 मार्च की शाम को पूर्णिमा तिथि में भद्रा खत्म होने के बाद होलिका दहन करना चाहिए. वहीं, 25 मार्च को सूर्योदय के वक्त पूर्णिमा तिथि होने पर इस दिन स्नान-दान और व्रत-पूजा करना चाहिए. चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि में होली मनाने की परंपरा है. जो प्रतिपदा तिथि 26 मार्च को है, इसलिए रंगों वाली होली का उत्सव 26 मार्च को मनाया जाएगा.
24 मार्च को 9 बड़े शुभ योग में जलेगी होली
इस साल होलिका दहन के समय ग्रहों की स्थिति बेहद खास रहेगी. होलिका दहन के दौरान 9 बड़े शुभ योग का संयोग बन रहा है. ज्योतिषियों का कहना है कि ऐसा शुभ संयोग पिछले 700 सालों में नहीं दिखा है. होलिका दहन के वक्त सर्वार्थसिद्धि, लक्ष्मी, पर्वत, केदार, वरिष्ठ, अमला, उभयचरी, सरल और शश महापुरुष योग बन रहे हैं, इन योग में होलिका जलने से परेशानियां और रोग दूर होंगे. ये शुभ योग समृद्धि और सफलतादायक साबित होगा.
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राजनीति में उथल-पुथल का संकेत
ये होली देश के लिए आर्थिक और भौतिक उन्नति लेकर आ रही है. राजनीति से जुड़े बड़े बदलाव होंगे. हालांकि, कई धार्मिक मामलों में विवाद और विरोध होने की आशंका है. बता दें कि होलिका दहन की आग से उठने वाली लौ की दिशा से साल के आगामी दिनों का भविष्य तय होता है. यह विज्ञान नहीं, ज्योतिषियों का मत है. होलिका दहन के समय अग्नि की लौ या धुआं देखकर भविष्य का अनुमान लगाया जाता है कि आने वाला समय कैसे होगा.