घर पर कहां नहीं बनाएं ॐ का निशान, हो सकता है बड़ा नुकसान
Ashtami and Navami 2024:आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से आरंभ हुए शारदीय नवरात्र के पावन अवसर पर पूरे देश में सनातन धर्मावलंबी माता दुर्गा की भक्ति में लीन हैं. घरों, मंदिरों और पूजा पंडालों में कलश स्थापना, गणेशाम्बिका, षोडशमातृका और नवग्रहों के साथ सभी देवी-देवताओं की विधिवत पूजा-अर्चना, भोग और आरती की जा रही हैं. श्रद्धालु अपने सामर्थ्य के अनुसार मां दुर्गा की आराधना कर रहे हैं, और सुबह-सुबह दुर्गा सप्तशती के पाठ की मधुर ध्वनि गली-गली से सुनाई देने लगती है.
महाष्टमी और महानवमी की डेट को लेकर हो रहा है कंफ्यूजन
साल 2024 में अष्टमी और नवमी की तिथियों को लेकर कुछ भ्रम उत्पन्न हो रहा है. पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि 10 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 31 मिनट पर प्रारंभ होगी और 11 अक्टूबर को सुबह 12 बजकर 05 मिनट पर समाप्त होगी. इसके तुरंत बाद नवमी तिथि का आरंभ होगा. हालांकि, उदयातिथि के कारण अष्टमी और नवमी का व्रत 11 अक्टूबर को रखा जाएगा. इस प्रकार, इस वर्ष शारदीय नवरात्रि की अष्टमी और नवमी दोनों 11 अक्टूबर को ही मनाई जाएंगी. इसके बाद 12 अक्टूबर 2024 को विजया दशमी का पर्व मनाया जाएगा.
शारदीय नवरात्र के अंतर्गत महाष्टमी और महानवमी का व्रत एक ही दिन, 11 अक्तूबर शुक्रवार को रखा जाएगा. इस दिन संधि पूजा, श्रृंगार पूजा, संकल्पित पाठ का समापन, हवन, पुष्पांजलि और कन्या पूजन किया जाएगा. मां भगवती को भव्य श्रृंगार, वस्त्र-उपवस्त्र, इत्र, आभूषण और विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का भोग अर्पित कर महाआरती होगी. दिनभर की पूजा के समापन पर श्रद्धालु नम आंखों से माता को खोइछा देकर विदाई करेंगे.
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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