नयी दिल्ली : इस साल का तीसरा व आखिरी सूर्यग्रहण पौष कृष्ण अमावस्या के दिन यानी आज लगा. देश के कई जगहों से गुरुवार को सूर्य ग्रहण का नजारा देखने को मिला और हजारों लोगों ने इसका लुत्फ उठाया. धार्मिक मान्यता के कारण सूर्य ग्रहण के दौरान राज्य में कई मंदिर बंद रहे. देश के विभिन्न हिस्सों में साल का आखिरी सूर्य ग्रहण साफ दिखाई दिया. हालांकि कई जगहों से मिली खबरों के अनुसार वहां बादल छाए होने के कारण ग्रहण अच्छी तरह दिखाई नहीं दिया.

विशेषज्ञों का कहना है कि सूर्य ग्रहण देखने वाले लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए और उन्हें सुरक्षित उपकरणों तथा उचित तकनीकों का उपयोग करना चाहिए क्योंकि सूर्य की अवरक्त और पराबैंगनी किरणें आंखों को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर सकती हैं. इसके बावजूद प्रकृति के प्रति जिज्ञासु लोगों ने ग्रहण देखा.

सूर्यग्रहण सुबह 8:20 बजे शुरू हुआ जो पूर्वाह्न 11:23 बजे तक रहा. साल के आखिरी सूर्य ग्रहण के अद्भुत नजारे का लुत्फ पीएम मोदी ने भी उठाया. उन्होंने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि अन्य भारतीयों की तरह, सूर्य ग्रहण को लेकर मैं भी काफी उत्साही था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय राजधानी में आसमान में बादल छाए रहने के कारण सूर्य ग्रहण नहीं देख सके लेकिन उन्होंने कोझिकोड से लाइव स्ट्रीम के जरिए इसकी झलक देखी. प्रधानमंत्री ने अपनी कुछ तस्वीरें भी पोस्ट कीं जिनमें वे सूर्य को देखने की कोशिश करते दिखाई दे रहे हैं. मोदी ने ट्वीट किया कि कई भारतीयों की तरह मैं भी सूर्य ग्रहण देखने के लिए उत्सुक था. बादल छाये होने के कारण मैं सूर्य ग्रहण को नहीं देख सका लेकिन मैंने लाइव स्ट्रीम के जरिए कोझिकोड और अन्य हिस्सों में सूर्य ग्रहण की झलक देखीं. प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने विशेषज्ञों से बात कर इस विषय पर अपना ज्ञानवर्धन किया. दिल्लीवासी कोहरे के कारण गुरुवार को सुबह बहुप्रतीक्षित सूर्य ग्रहण का नजारा नहीं देख पाए, लेकिन देश के दक्षिणी हिस्सों में लोगों को यह दुर्लभ दृश्य देखने को मिला.

दुबई की तस्वीर


चेन्नई की तस्वीर


गुजरात की तस्वीर


केरल की तस्वीर


ओडिशा की तस्वीर


पंचांग की गणना
पंचांग की गणना बताती है कि करीब 58 साल बाद इस तरह का सूर्यग्रहण लगा. सूर्यग्रहण चार राशियों के लिए शुभ रहा. कर्मकांड विशेषज्ञ ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा शास्त्री ने बताया कि सुबह के समय कुल 2 घंटे 40 मिनट तक के लिए सूर्यग्रहण लगा. ग्रहण का सूतक काल बुधवार को शाम 5: 32 बजे से शुरू हुआ जो ग्रहण की समाप्ति तक रहा. उन्होंने पंचागों का हवाला देते हुए बताया कि ग्रहण का प्रभाव चार राशियों मेष, सिंह, कन्या व मकर राशि वालों के लिए शुभ माना गया. तुला, मीन, धनु व मिथुन राशि पर मध्यम प्रभाव पड़ा. बाकी राशि वालों के लिए अशुभ माना गया. इस राशि के लोग ग्रहण के समय भगवान शिव की आराधना की अनुकूल प्रभाव बना सकते हैं. ग्रहण काल में अपने इष्ट का जाप, वेद पुराणों का पाठ, शिव स्तुति आदि करना विशेष पुण्यप्रद होता है.

धनु राशि व मूल नक्षत्र में
लगासूर्यग्रहण
पंडित झा ने बताया कि सूर्यग्रहण गुरु की राशि धनु व मूल नक्षत्र में लगा. व्यक्तिगत रूप से धनु राशि व मूल नक्षत्र में जन्मे लोगों पर इस ग्रहण का विशेष प्रभाव रहा. इस बार सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य आग से भरी अंगूठी के आकार का नजरआया. वैज्ञानिक भाषा में वलयाकार सूर्यग्रहण कहा गया है. ज्योतिष झा के अनुसार सूतक काल में भोजन पकाना व खाना नहीं चाहिए. इस दौरान नये कार्य को शुरू नहीं किया जाता है. ग्रहण काल से पहले भोज्य पदार्थों में कुश या तुलसी का पत्ता रख सकते हैं. गर्भवती महिलाओं को चाकू व छुरी का प्रयोग नहीं करना चाहिए. सूर्य को खुली आंख से नहीं देखना चाहिए. ग्रहण के समय गंगा स्नान, दान, जाप व पाठ आदि किया जाता है.