आज होलिकादहन, जानें शुभ मुहूर्त, कल ऐसे खेलें होली, बरतें ये सावधानियां

पटना : होलिकादहन का त्योहार आज गुरुवार को धूम-धाम से मनाया जायेगा. होलिकादहन फाल्गुन पूर्णिमा तिथि के प्रदोष काल में भद्रा तिथि के समाप्त होने के बाद मनाया जाता है, जाे इस बार गुरुवार की शाम 6:58 मिनट के बाद शुरू हो रहा है. पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होते ही भद्रा शुरू होने के कारण होलिकादहन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 1, 2018 5:50 AM
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पटना : होलिकादहन का त्योहार आज गुरुवार को धूम-धाम से मनाया जायेगा. होलिकादहन फाल्गुन पूर्णिमा तिथि के प्रदोष काल में भद्रा तिथि के समाप्त होने के बाद मनाया जाता है, जाे इस बार गुरुवार की शाम 6:58 मिनट के बाद शुरू हो रहा है. पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होते ही भद्रा शुरू होने के कारण होलिकादहन शाम सात बजे के बाद से किया जा सकेगा. पंचागों के मुताबिक होलिकादहन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त शाम 7:22 मिनट से रात आठ बजे तक है.
पंडित मार्कंडेय शारदेय के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि एक मार्च दिन गुरुवार की सुबह 7:53 मिनट से शुरू हो रही है, जाे शुक्रवार की सुबह 6:27 मिनट तक रहेगी. पूर्णिमा तिथि के साथ ही भद्रा लग रही है, जो शाम 6:58 मिनट तक रहेगी. प्रदोष काल में होलिकादहन करने का विधान है. इससे गुरुवार की शाम 7 से 8 बजे तक होलिकादहन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त है. अगले दिन दो मार्च दिन शुक्रवार को चैत्र कृष्ण पक्ष प्रतिपदा शुरू हो जायेगी. इस दिन पूरे देश भर में धूम-धाम से होली का त्योहार मनाया जायेगा.
होलिका का अर्थ भूना हुआ अनाज: होली में जितना महत्व रंगों का है. उतना ही महत्व होलिकादहन का है. इस दिन को इच्छित कामनाओं की पूर्ति करने के लिए श्रेष्ठ माना गया है. होलिका शब्द संस्कृत से लिया गया है.
इसका अर्थ होता है भूना हुआ अनाज. होलिकादहन में अनाज से हवन करने की परंपरा है. होलिकादहन की अग्नि की राख को माथे पर तिलक के रूप में लगाया जाता है, ताकि बुरे साये से हमारी रक्षा हो सके. जली हुई राख को हवा में उड़ाया जाता है और हवा के रुख को जाना जाता है. यदि पूर्वा हवा चलती है, तो जनता और शासक के लिए शुभ, दक्षिणी हवा से पलायन और अकाल की संभावना जतायी जाती है. पछुआ हवा से फसल की हानि और उत्तरा से अच्छी पैदावार की उम्मीद जतायी जाती है.
हर्बल रंग ही लगाएं एक-दूसरे को, केमिकल वाले रंगों से बिगड़ सकती है सेहत
खूब खेलें होली, लेकिन रहें सावधान : डॉक्टर
इन दिनों होली के रंग में पूरा पटना सराबोर हो गया है. आप भी खूब रंग खेलें, लेकिन रंग खेलने से पहले ध्यान रखें कि आप भले ही हर्बल कलर लेकर घूम रहे हों, कुछ लोग सिंथेटिक कलर से भी त्योहार सेलिब्रेट करते हैं. मगर यह सेहत बिगाड़ सकता है. आंख, नाक और मुंह में हानिकारक केमिकल वाले कलर जाने से परेशानी हो सकती है.
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ सुनील सिंह ने कहा कि होली खेलते समय खास कर अपनी आंखों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, डॉ सुनील ने कहा कि अगर केमिकल वाला रंग आंख के अंदर चला जाये, तो इससे आंखों में जलन, खुजली, आंखें लाल होने संबंधी आदि कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं.
केमिकल रंग करेंगे तंग
एनएमसीएच के स्किन विभाग के डॉ विकास शंकर ने बताया कि सिंथेटिक और केमिकल वालों रंगों का इस्तेमाल करने की बजाय हर्बल रंगों का इस्तेमाल करना चाहिए. हर्बल रंग त्वचा को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. वहीं सिंथेटिक और केमिकल वाले रंग त्वचा को बेजान और रूखा बना देते हैं.
-यदि आंखों में रंग
गिर जाए तो सबसे पहले पानी से आंखों को धो लें. यह क्रिया तब तक करें, जब तक आश्वस्त न हो जाएं कि रंग आंखों में धुल गया है. ज्यादा तकलीफ हो तो नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें.
-होली खेलने से पहले अपने पूरे शरीर पर नारियल का तेल लगा लें, इससे त्वचा पर एक लेयर (परत) बन जायेगी और रंगों की वजह
से नुकसान कम होगा.
-कान में रंग जाने पर तेल नहीं डालें. कान की गलत तरीके से सफाई करने से पर्दे को नुकसान पहुंच सकता है.
-बालों को रंगों और हानिकारक केमिकल से
बचाने के लिए बालों में अच्छी तरह से तेल लगा लें, जिससे आपके बालों को कोई नुकसान नहीं पहुंचे.
-रंग को जबरन
छुड़ाने की कोशिश न करें, इससे स्किन को नुकसान पहुंच सकता है. रंग खेलने के बाद एक-दो बार हल्के हाथों से चेहरे को साफ करें.
-रंग खेलने के बाद
सूरज की रोशनी में न जाएं, यह रंग को पक्का करती है
-रंग लगने के तुरंत
बाद चेहरे को पानी से साफ कर लें
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