‘व्यंग्य यात्रा’ का नया अंक (जुलाई-सितंबर 2017) चार अक्टूबर तक
‘व्यंग्य यात्रा’ का नया अंक (जुलाई-सितंबर 2017) चार अक्टूबर उपलब्ध हो जायेगा. यह अंक अपने प्रति निस्पृह, साहित्य की आधुनिक उठा-पटक से दूर, ‘हिंदी व्यंग्य झरोखे के सजग दृष्टा’ गोपाल चतुर्वेदी पर केंद्रित है. मशहूर साहित्यकार प्रेम जनमेजय ने इस अंक के बारे में जानकारी देते हुए फेसबुक पर बताया कि मुख्य कवर हमारे समय […]
![an image](https://pkwp184.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/2024/01/2017_10largeimg03_Oct_2017_152504840.jpg)
‘व्यंग्य यात्रा’ का नया अंक (जुलाई-सितंबर 2017) चार अक्टूबर उपलब्ध हो जायेगा. यह अंक अपने प्रति निस्पृह, साहित्य की आधुनिक उठा-पटक से दूर, ‘हिंदी व्यंग्य झरोखे के सजग दृष्टा’ गोपाल चतुर्वेदी पर केंद्रित है. मशहूर साहित्यकार प्रेम जनमेजय ने इस अंक के बारे में जानकारी देते हुए फेसबुक पर बताया कि मुख्य कवर हमारे समय के महत्वपूर्ण रचनाकार लीलाधर मंडलोई Leeladhar Mandloi द्वारा कैमरे से खींची गई कलात्मक छवि पर आधारित है. इस अंक का लोकार्पण 6 अक्टूबर को शाम 6 बजे , गोपाल चतुर्वेदी के लखनऊ स्थित आवास पर होगा.
हिंदी व्यंग्य को समृद्ध करने वाले गोपाल चतुर्वेदी पर केंद्रित इस महत्वपूर्ण विशेषांक में आप पढ़ पायेंगे. चंदन घिसे में- हरिशकर राढ़ी, अजय शर्मा, बालकवि बैरागी एवं सुरेश गर्ग की महत्वपूर्ण प्रतिक्रियाएं
पाथेय में- सूर्यबाला, सूरज प्रकाश, सुशील सिद्धार्थ एंव लालित्य ललित की टिप्पणियों सहित उनकी मनपसंद गोपाल चतुर्वेदी की व्यंग्य रचनाएं.
‘गोपाल पढ़ि पढ़ि’ के अंतर्गत- कन्हैयालाल नन्दन, शेरजंग गर्ग, ज्ञान चतुर्वेदी, हरि जोशी, सुरेश कांत, हरीश नवल, गिरिराजशरण अग्रवाल, प्रेम जनमेजय,अरविन्द तिवारी दिलीप तेतरबे, अतुल चतुर्वेदी, जवाहर चौधरी , अजय अनुरागी, रमेश तिवारी, अलंकार रस्तोगी, सूर्यकुमार पाण्डेय , साधना झा, हरीश कुमार सिंह के आलेख.
संवाद में – कन्हैयालाल नंदन, शेरजंग गर्ग प्रेम जनमेजय , लालित्य ललित ,एवं पंकज प्रसून से तीन महत्वपूर्ण बातचीत
गोपाल चतुर्वेदी का आत्मकथ्य- मैं व्यंग्य क्यों लिखता हूं.
परिशिष्ट में- रामदरश मिश्र के 94 वें जन्मदिन पर उनकी व्यंग्य कविताएं. सुदर्शन वसिष्ठ , प्रमोद तांबट,नीरज दइया एवं कमलेश भारतीय के संस्मरण.