पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों के बारे में सभी विशेषज्ञों के दावे और अनुमान लगभग सही साबित हुए, लेकिन उत्तर प्रदेश के परिणामों ने सभी राजनैतिक दलों और चुनाव विशेषज्ञों को वही झटका दिया, जो पिछले लोकसभा चुनाव में दिया था. उत्तर प्रदेश की जनता भले ही गांव/कस्बों में रह रही है, लेकिन उसकी सोच में जो बदलाव आ रहा है, उसेभांपने में बड़े-बड़े दिग्गज भी मात खा गये. अब उन्हें जाति/धर्म और आरक्षण के नाम पर नहीं बरगलाया जा सकता है.
विपक्षी दलों को भी इस जनमत से सीख लेते हुए जातिवाद और परिवारवाद की दुर्भावना को तिलांजलि देकर पूर्णकालिक जनसेवकों को तैयार करना होगा. सभी दल, उत्तर प्रदेश चुनाव परिणाम को एक चेतावनी समझ कर काम करने लगे तो सबको लाभ होगा.
लोकेश कुमार, हीरापुर, धनबाद