एक अद्भुत प्रदर्शन

रोजर फेडरर के पिता ने कभी उनसे कहा था कि अगर तुम पेशेवर टेनिस खिलाड़ी बन रहे हो, तो शीर्ष के सौ खिलाड़ियों में होने की कोशिश करना, ताकि कुछ पैसा कमा सको. पैसे कमाने की बात तो छोड़ दें, आज फेडरर टेनिस इतिहास के महानतम खिलाड़ी माने जाते हैं. खाते में 18 ग्रैंड स्लैम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 31, 2017 6:16 AM

रोजर फेडरर के पिता ने कभी उनसे कहा था कि अगर तुम पेशेवर टेनिस खिलाड़ी बन रहे हो, तो शीर्ष के सौ खिलाड़ियों में होने की कोशिश करना, ताकि कुछ पैसा कमा सको. पैसे कमाने की बात तो छोड़ दें, आज फेडरर टेनिस इतिहास के महानतम खिलाड़ी माने जाते हैं.

खाते में 18 ग्रैंड स्लैम एकल जीतें दर्ज करनेवाले फेडरर ने अभी जब ऑस्ट्रेलियाई ओपन का खिताब जीता है, तो यह सिर्फ एक टाइटल भर नहीं हैं, बल्कि उनकी क्षमता और कौशल के विशिष्टता का भी एक प्रमाण है. टेनिस के मौजूदा दौर को स्वर्ण युग की उपमा दी जाती है, क्योंकि फेडरर के अलावा राफेल नडाल, एंडी मरे, नोवाक जोकोविक, कर्बर जैसे शानदार खिलाड़ी भी कोर्ट में जमे हुए हैं. फेडरर अतुलनीय हैं, पर इस मैच में उनके प्रतिद्वंद्वी नडाल के साथ उन्होंने जो खेल दिखाया तथा दोनों ने जिस सहजता और भावुकता से एक-दूसरे को सराहा, वह खेल के साथ जीवन के लिए भी एक संदेश है. चोट के कारण छह से अधिक महीनों से खेल से दूर रहना, रैंकिंग गिरने के कारण क्वाॅलिफाइंग चरण में चोटी के खिलाड़ियों का मुकाबला करना और सबसे ऊपर पांच सालों से किसी बड़े खिताब से दूर रहना जैसे कारक किसी का रास्ता रोक देने के लिए काफी थे.

पर फेडरर महानतम हैं, तो यह चमत्कार उन्हें दिखाना ही था. मैदान के भीतर और बाहर सहजता और सरलता में भी उनका कोई सानी नहीं है. इस मामले में भी नडाल ही उन्हें चुनौती देते प्रतीत होते हैं. महान चैंपियन आंद्रे अगासी ने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि टेनिस खिलाड़ी अंधेरी कोठरी में एक अकेले बंदी की तरह होता है.

नडाल का कहना है कि कोर्ट में आप एक आत्म-सम्मोहन में होते हैं, जहां अपनी कमजोरियों को न सिर्फ अपने मुकाबिल से, बल्कि खुद से भी छुपाना होता है. साढ़े तीन घंटों का फाइनल मैच सिर्फ दो कमाल-आमादा खिलाड़ियों के जलवे का ही नहीं, बल्कि उनके किरदार के खास होने का मंजर भी था.

हार कर भी नडाल ने कहा कि वे इस मुकाबले की तुलना किसी और मैच के साथ नहीं कर सकते हैं. पूरे आयोजन के मैचों में जो घमसान देखने को मिला, उसका आखिरी मकाम ऐसा ही होना था. उधर, महिलाओं के मुकाबले में विलियम्स बहनों ने 2003 के बाद आमने-सामने खेल कर टूर्नामेंट में एक पारिवारिक आयाम भी जोड़ा है. एक संगीतमय खेल का एक अविस्मरणीय आयोजन.

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