कैशलैस झारखंड की तरह वाइनलेस झारखंड भी हो. झारखंड के विकास में बाधक है शराब. इसलिए मेरा मानना है कि कैशलेस की तरह ही वाइनलेस झारखंड भी बने. झारखंड के लोगों के लिए यह एक अभिशाप बन गया है. इससे कितने ही घर परिवार बरबाद हो रहे हैं.
कितनों की जान जा रही है. हां, जरूर यह है कि इससे बहुत बड़ी राशि राजस्व के रूप में मिलती है, लेकिन क्या पैसे के लिए अपने राज्य के लोगों को बरबाद होनेदेना क्या सही है? हमारी सरकार को भी बिहार की नीतीश सरकार से सीख लेनी चाहिए और वाइनलेस झारखंड की ओर बढ़ना चाहिए .
सुजीत कुमार, इमेल से