21.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 11:42 am
21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

नये महासचिव की चुनौतियां

Advertisement

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के रूप में अंतोनियो गुतेरेस को शरणार्थियों की बढ़ती संख्या, आतंक और गृह युद्ध, उभरते संकीर्ण राष्ट्रवाद, आर्थिक संकट और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याओं का सामना करना है. उन्होंने कहा है कि वे शांति और विकास के लिए समर्पित होंगे तथा इस विश्व संस्था में जरूरी सुधारों के लिए प्रयासरत होंगे. […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के रूप में अंतोनियो गुतेरेस को शरणार्थियों की बढ़ती संख्या, आतंक और गृह युद्ध, उभरते संकीर्ण राष्ट्रवाद, आर्थिक संकट और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याओं का सामना करना है.
उन्होंने कहा है कि वे शांति और विकास के लिए समर्पित होंगे तथा इस विश्व संस्था में जरूरी सुधारों के लिए प्रयासरत होंगे. समाजवादी नेता के रूप में पुर्तगाल के प्रधानमंत्री रह चुके गुतेरेस साल 2005 से 2015 तक संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी संस्था यूएनएचसीआर के प्रमुख रहे हैं. वे वैश्विक आतंकवाद और चरमपंथ तथा शरणार्थी संकट के अंतर्संबंधों को बेहतर समझते हैं. अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के जटिल संजाल ने आतंक पर कठोर रुख अपनाने की उनके पूर्ववर्ती बान की मून की कोशिशों को फलीभूत नहीं होने दिया है. संयुक्त राष्ट्र महासभा की चिंताएं सुरक्षा परिषद् में विशिष्ट सदस्य के रूप में बैठी महाशक्तियों की आपसी राजनीति में उलझी रह जाती हैं. भारत समेत अनेक देश संयुक्त राष्ट्र को उत्तरोत्तर लोकतांत्रिक बनाने की मांग बरसों से करते रहे हैं, जिनमें सबसे प्रमुख सुरक्षा परिषद् में स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाना है.
पाकिस्तान की शह पर भारत-विरोधी गतिविधियों को अंजाम देनेवाले आतंकी सरगना मसूद अजहर पर पाबंदी लगाने का प्रस्ताव चीन के अड़ियल रवैये के कारण कई महीनों से लंबित है. भारत ने 1996 में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर समेकित सम्मेलन का प्रस्ताव दिया था, जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्वीकृत भी कर लिया है, पर अमेरिका, इसलामी देशों के समूह और लैटिन अमेरिकी देशों के अड़ंगे के चलते दो दशकों बाद भी इस पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है, जबकि आपत्ति जतानेवाले देश भी आतंकी गतिविधियों का निशाना बनते रहे हैं. भारत ने लगातार यह मांग की है कि राज्य-प्रायोजित आतंकवाद पर कठोर रुख अपनाने की जरूरत है तथा संयुक्त राष्ट्र को बिना किसी पक्षपात और पूर्वाग्रह के इस दिशा में ठोस पहल करनी चाहिए. अभी चीन ने फिर से यह संकेत दिया है कि वह मसूद अजहर के मसले पर अपनी राय में बदलाव नहीं करेगा.
कुछ दिन पहले सुरक्षा परिषद् के आतंक-विरोधी इकाई के प्रमुख ने यह कहते हुए भारत को धैर्य रखने की अजीब सलाह दी थी कि संस्था की कार्यवाही की प्रक्रिया में विलंब होता है. नये महासचिव की इस बात से उम्मीद बंधी है कि वे जरूरी मुद्दों पर ध्यान देंगे और कामकाज में अनावश्यक देरी की मुश्किल हल करेंगे. गुतेरेस सुलझे व्यक्तित्व के धनी हैं. विवादों के समाधान में व्यक्तिगत रूप से रुचि लेने का उनका वादा भरोसा जगाता है. पर, भारत समेत अन्य देशों को सकारात्मक सहयोग के साथ दबाव बनाये रखना भी जरूरी होगा.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें