7वें वेतन आयोग का प्रभाव

भारत सरकार ने सातवें वेतन आयोग को एक जनवरी, 2016 से लागू करने का फैसला ले लिया है. सरकार का मानना है कि वेतन में बढ़ोतरी से सरकारी खजाना पर बोझ बढ़ेगा, जबकि सरकार यह नहीं बता रही है कि उसमें पहले से ज्यादा आमदनी भी होगी. वहीं एक तरफ देखा जाये तो कर्मचारी इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 1, 2016 12:28 AM
भारत सरकार ने सातवें वेतन आयोग को एक जनवरी, 2016 से लागू करने का फैसला ले लिया है. सरकार का मानना है कि वेतन में बढ़ोतरी से सरकारी खजाना पर बोझ बढ़ेगा, जबकि सरकार यह नहीं बता रही है कि उसमें पहले से ज्यादा आमदनी भी होगी.
वहीं एक तरफ देखा जाये तो कर्मचारी इस बढ़ोतरी से संतुष्ट नहीं हैं. कर्मचारी का कहना भी जायज है कि वेतन में बढ़ोतरी की प्रतिशत को बढ़ाया जाना चाहिए. वहीं इस आयोग के फैसले को नाकाम बनाने के लिए सरकारी कर्मचारी 11 जुलाई से हड़ताल पर जाने का फैसला भी लिया है.
इस हड़ताल में 42 साल बाद ऐसा भी देखा जायेगा कि रेलवेकर्मी भी इस तरह के हड़ताल में शामिल होंगे. हड़ताल से आम नागरिक को परेशानी उठानी पड़ेगी और साथ-साथ सरकार को भी इससे एक बड़े झटके का एहसास होगा. सरकार चाहे तो 11 जुलाई से पहले कर्मचारियों के साथ समझौता करके बीच का रास्ता अपना सकती है और होने वाले घाटे को रोक सकती है.
मिथिलेश शर्मा, चंदनकियारी

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