नागरिकता संशोधन कानून को लेकर रामगढ़ में पहले विरोध, फिर समर्थन में जुलूस निकाला गया. कमोवेश यही स्थिति हर राज्य के अन्य हिस्सों में भी देखने को मिल रही है. यह स्थिति अच्छी बातों की ओर इशारा कतई नहीं कर रही है.
इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि समाज में संकीर्ण मानसिकता का तेजी से फैलाव हो रहा है. हमारा भारतवर्ष एक खूबसूरत चेहरे वाला देश है, जिसकी सुंदरता पर नफरत का तेजाब डाल कर वीभत्स बनाने की कोशिश की जा रही है. नागरिकता संशोधन कानून का अपने-अपने ढंग से आकलन करके आपसी एकजुटता और सामंजस्य की नींव को हिलाने का प्रयास हो रहा है.
ऐसा प्रतीत हो रहा है, मानो लोग अपनी-अपनी महत्वाकांक्षा को लेकर मकड़जाल में फंसते जा रहे हैं. अमन पसंद लोगों के मन में इस परिस्थिति को लेकर कई सवाल उठ रहें है और इन सवालों का जवाब अतिशीघ्र ढूंढ निकालना होगा. मूकदर्शक बने रहने से आनेवाली पीढ़ियां सुकून से जीवन नहीं जी पायेंगी.
संतोष सिन्हा, रामगढ़, झारखंड