23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

सूरमा भोपाली का अलमस्त अंदाज

Advertisement

शफक महजबीन टिप्पणीकार mahjabeenshafaq@gmail.com संयुक्त राज्य अमेरिका के संस्थापकों में एक बेंजामिन फ्रैंकलिन एक लेखक, व्यंग्यकार, राजनेता, वैज्ञानिक, और दार्शनिक भी थे. बेंजामिन फ्रैंकलिन कहते हैं- ‘मुसीबत ने दरवाजा खटखटाया, लेकिन हंसी सुनकर वह वापस चली गयी.’ हमारे जीवन में हंसी की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है, फ्रैंकलिन की इस बात से समझा जा सकता है. […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

शफक महजबीन
टिप्पणीकार
mahjabeenshafaq@gmail.com
संयुक्त राज्य अमेरिका के संस्थापकों में एक बेंजामिन फ्रैंकलिन एक लेखक, व्यंग्यकार, राजनेता, वैज्ञानिक, और दार्शनिक भी थे. बेंजामिन फ्रैंकलिन कहते हैं- ‘मुसीबत ने दरवाजा खटखटाया, लेकिन हंसी सुनकर वह वापस चली गयी.’ हमारे जीवन में हंसी की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है, फ्रैंकलिन की इस बात से समझा जा सकता है.
मनोवैज्ञानिक भी बताते हैं कि हंसने के बेशुमार फायदे हैं, जैसे तनाव कम होना, बीपी पर नियंत्रण, सिर दर्द से छुटकारा आदि. लेकिन, भाग-दौड़ भरी जिंदगी में हम तो जैसे हंसना ही भूल गये हैं. यही वजह है कि अवसाद के शिकार लोगाें की संख्या में तेजी से इजाफा होता जा रहा है.
कुछ डॉक्टर भी अपने मरीजों को कॉमेडी फिल्में देखने की सलाह देते हैं, जिसमें कॉमेडियन अपने हास्य-अभिनय से स्वस्थ मनोरंजन करते हैं. उन्हीं कॉमेडियन में एक हैं- सैयद इश्तेयाक अहमद जाफरी, जिन्हें हिंदी सिनेमा में ‘जगदीप’ के नाम से जाना जाता है. जगदीप को ‘कॉमेडी का सरदार’ का लकब हासिल है.
सैयद इश्तेयाक अहमद जाफरी का जन्म 29 मार्च, 1939 को मध्य प्रदेश के दतिया में हुआ था. भारत के विभाजन के वक्त अपनी छोटी सी उम्र में ही वे मुंबई चले गये थे. बचपन में ही पिता का हाथ छूट गया.
उनकी मां ने उनकी परवरिश की, जो यतीमखाने में खाना पकाती थीं, लेकिन इन्हें स्कूल जरूर भेजती थीं. लेकिन, मजबूरी के चलते उन्होंने पढ़ाई छोड़कर कुछ काम करने का फैसला किया. मां के मना करने पर भी वे नहीं माने और पतंग बनाने एवं साबुन बेचने लगे. जहां वे काम करते थे, वहां एक अजनबी आदमी ने उनसे फिल्म में काम करने की बात कही और तीन रुपये मिलने की बात पर वे तैयार हो गये.
जब मां के साथ वे स्टूडियो पहुंचे, तो वहां बच्चे नाटक कर रहे थे. एक उर्दू डॉयलाग को कोई बच्चा नहीं बोल पा रहा था. उर्दू जाफरी की मादरी जबान थी. एक बच्चे ने बताया कि वह डायलॉग बोलने का छह रुपये मिलेंगे, तब इन्होंने वह डायलॉग बोलकर दिखा दिया. यहीं से बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट उनके फिल्मी करियर की शुरुआत हुई.
साल 1953 में फिल्म ‘दो बीघा जमीन’ में वे कॉमिक भूमिका में नजर आये. इसके बाद तो एक से बढ़कर एक फिल्मों में बेहतरीन काम किया. इन्होंने बतौर हीरो भी कई फिल्मों में काम किया, जिसमें एक फिल्म ‘भाभी’ काफी चर्चित रही. फिल्म ‘शोले’ में उनके निभाये किरदार ‘सूरमा भोपाली’ के बाद तो लोग उन्हें सूरमा भोपाली ही कहकर पुकारने लगे.
जगदीप ने उस दौर में कॉमेडी को अपना करियर बनाया, जब जॉनी वॉकर, महमूद, केष्टो मुखर्जी और असरानी जैसे दिग्गज हास्य कलाकार हिंदी सिनेमा के सिरमौर बने हुए थे.
लेकिन, इन्होंने अपने अलमस्त अंदाज से कॉमेडी किंग बनकर लोगों के दिलों पर राज किया. आज के दौर की कॉमेडी तो सिर्फ अश्लीलता से भरी हुई है. कॉमेडियन की जगह अभिनेता ही अश्लील कॉमेडी कर रहे हैं. आज स्वस्थ कॉमेडी का अभाव है. ऐसे में हमें जगदीप का योगदान बहुत याद आता है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें