लोकतंत्र की मजबूती के लिए ईमानदार प्रतिनिधि जरूरी
अब जब चुनाव की तिथि की घोषणा चुनाव आयोग द्वारा कर दी गयी है, तो हम मतदाताओं को लोकतंत्र के इस महापर्व का बेसब्री से इंतजार है.हर बार की तरह इस बार भी नेता आयेंगे और हम से चुनावी वादा करेंगे और ख्याली पुलाव बनायेंगे, परंतु हम जागरूक मतदाताओं को बदलते भारत में अपने मताधिकार […]
अब जब चुनाव की तिथि की घोषणा चुनाव आयोग द्वारा कर दी गयी है, तो हम मतदाताओं को लोकतंत्र के इस महापर्व का बेसब्री से इंतजार है.हर बार की तरह इस बार भी नेता आयेंगे और हम से चुनावी वादा करेंगे और ख्याली पुलाव बनायेंगे, परंतु हम जागरूक मतदाताओं को बदलते भारत में अपने मताधिकार का अधिक से अधिक प्रयोग करते हुए ऐसे प्रत्याशी को चुनने में विवेक दिखाना है, जो सिर्फ और सिर्फ भारत के विकास की परिकल्पना करे. ऐसे प्रत्याशी को नकारना है, जो चुनावी वादा करते हैं, परंतु चुनाव संपन्न होने के साथ दूज का चांद हो जाते हैं.
हमें एक ऐसे भारत का निर्माण करना है, जहां गरीबी, बेरोजगारी, भुखमरी, हिंसा, किसानों द्वारा आत्महत्या, मंदिर-मस्जिद या सीमा विवाद इत्यादि समस्याओं का नामोनिशान न रहे. लोकतंत्र की मजबूती के लिए ईमानदार प्रतिनिधि का होना जरूरी है.
डॉ हरि गोविंद प्रसाद, बेगूसराय