देशभर में पेट्रोल की कीमतें पिछले 55 महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गयी है, जिससे देश की आम जनता बेहाल है. पेट्रोल-डीजल में बेतहाशा वृद्धि से सबसे ज्यादा किसान तथा आम लोग प्रभावित हुए हैं.
सरकार द्वारा पेट्रो पदार्थों में बढ़ती महंगाई का कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें बतायी जा रही है. जबकि सच्चाई यह है कि वर्तमान में कच्चे तेल की कीमत 74 डॉलर प्रति बैरल है जो अभी भी चार साल पहले की कीमत 105 डॉलर प्रति बैरल से कम है, तो फिर मई 2014 की तुलना में पेट्रोल डीजल इतना महंगा क्यों?
इसका मूल कारण सरकार द्वारा लगाया गया पेट्रोल डीजल पर त्रिस्तरीय टैक्स है. 2014 से कच्चे तेल की कम कीमतों के सभी लाभ तेल कंपनियों द्वारा अर्जित किये गये, जिसका अप्रत्यक्ष रूप से सरकार को फायदा हुआ, जो वास्तविक रूप से जनता को होना चाहिए था. सरकार और राजनीतिक दलों को इस पर नये सिरे से विचार करना चाहिए.
हरेंद्र सिंह कीलका, इ-मेल से