ऐसे समय में जब राष्ट्र के सामने बेरोजगारी, भुखमरी, अशिक्षा और किसानों की दुर्दशा जैसी समस्याएं सामने खड़ी हैं, देश के सामने मुख्य बहस राष्ट्रभक्त बनाम देशद्रोह हो गया है. कौन सच्चा राष्ट्रभक्त है? कौन देशद्रोही है? ऐसे में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार जैसी बुनियादी मुद्दे गौण हो गये हैं. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल नेटवर्किंग साइट तो इस बहस के लिए युद्धक्षेत्र बने हुए हैं.
इस बेतुके बहस से देशवासी देशभक्ति का पाठ नहीं पढ़ रहे हैं, बल्कि देश के विभिन्न समुदायों के बीच नफरत बढ़ रही है, जो देश की एकता एवं अखंडता के लिए खतरा है. तथाकथित देशभक्त हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को भी कटघरे में खड़ा करने से गुरेज नहीं करते हैं. जो हमारे देश के वर्तमान और भविष्य के लिए अच्छा नहीं हैं
मोहम्मद नेहालुद्दीन, वासेपुर, धनबाद