बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा देकर एक नया प्रतिमान स्थापित किया है. इन दिनों राजनीति से सिद्धांत और शुचिता गायब होती जा रही है. सत्ता के लोभ में लोग किसी भी हद तक जाने को तैयार रहते हैं.
लेकिन नीतीश कुमार ने आजतक अपने सिद्धांतों से कभी भी समझौता नहीं किया है. उन्होंने अपने सहयोगी दल राजद के वरीय मंत्री पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप को जनता के सामने तथ्यों के साथ सफाई देने को कहा, लेकिन उन लोगों ने इसको गंभीरता से नहीं लिया. अगर वे इस्तीफा दे देते, तो सरकार बच सकती थी. मजबूरी में उन्होंने इस्तीफा दिया और राजद से एक झटके में संबंध तोड़कर साबित कर दिया कि वे अपने उसूलों के लिए कभी भी कोई भी कुर्बानी दे सकते हैं, इसमें उनको कोई हिचकिचाहट नहीं होगी.
युगल किशोर ,रांची