लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने के प्रावधान वाले विधेयक को लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी मंजूरी मिल चुकी है. गुरुवार को राज्यसभा में इस महिला आरक्षण बिल को सर्वसम्मति से पास कर दिया गया. उच्च सदन में बिल के पच में 215 वोट पड़े. जबकि किसी भी सांसद ने इस बिल के विरोध में वोट नहीं किया. मालूम हो इस बिल को लोकसभा में 454 वोट के साथ पास किया गया था. विरोध में केवल दो वोट पड़े थे. दोनों सदनों से बिल पास होने के बाद इसे स्वीकृति के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्म के पास भेजा जाएगा. वहां से मंजूरी मिलने के साथ ही यह कानून बन जाएगा.

महिला आरक्षण विधेयक देश की नारी शक्ति को नयी ऊर्जा प्रदान करेगा : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा एवं राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने के प्रावधान वाले विधेयक को देश की नारी शक्ति को नयी ऊर्जा देने वाला करार देते हुए गुरुवार को कहा कि इससे महिलाएं राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए नेतृत्व के साथ आगे आएंगी. मोदी ने राज्यसभा में ‘संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023’ पर चर्चा के अंत में यह बात कही. उन्होंने कहा कि चर्चा में भाग लेते हुए दो दिन से (संसद में) इस महत्वपूर्ण विधेयक पर चर्चा हो रही है और करीब 132 सदस्यों ने दोनों सदनों में बहुत सार्थक चर्चा की है. उन्होंने कहा, भविष्य में भी इस चर्चा का एक-एक शब्द हमारी आने वाली यात्रा में हम सबके काम आने वाला है, इसलिए हर बात का अपना महत्व है, मूल्य है.

पीएम मोदी ने सभी सदस्यों का ‘हृदय से अभिनंदन और आभार व्यक्त किया

पीएम मोदी ने इस विधेयक का समर्थन करने के लिए सभी सदस्यों का ‘हृदय से अभिनंदन और हृदय से आभार व्यक्त’ किया. उन्होंने कहा कि यह जो भावना पैदा हुई है, उससे देश के जन-जन में एक आत्मविश्वास पैदा होगा. उन्होंने कहा कि सभी सदस्यों एवं सभी दलों ने एक बहुत बड़ी भूमिका निभाई है. प्रधानमंत्री ने कहा कि नारी शक्ति को सम्मान एक विधेयक पारित होने से मिल रहा है, ऐसी बात नहीं है. उन्होंने कहा कि इस विधेयक के प्रति सभी राजनीतिक दलों की सकारात्मक सोच होना, यह देश की नारी शक्ति को एक नयी ऊर्जा देने वाला है. उन्होंने कहा, ‘‘यह (नारी शक्ति) नये विश्वास के साथ राष्ट्र निर्माण में योगदान देने में नेतृत्व के साथ आगे आएगी, यह अपने आप में हमारे उज्ज्वल भविष्य की गारंटी बनने वाली है.

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जनगणना व परिसीमन के पहले ही महिला आरक्षण कानून लागू किया जाए: विपक्ष

लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने के प्रावधान वाले विधेयक को सत्तारूढ़ भाजपा का ‘चुनावी एजेंडा’ और ‘झुनझुना’ करार देते हुए विपक्षी दलों ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में मांग की कि इस प्रस्तावित कानून को जनगणना एवं परिसीमन के पहले ही लागू किया जाना चाहिए. विपक्षी दलों के सदस्यों ने साथ ही यह दावा भी किया कि सरकार चुनावी फायदे के लिए यह विधेयक लेकर आई जबकि इसका लाभ लेने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा.

कांग्रेस ने महिला आरक्षण बिल देर से लाने पर मोदी सरकार पर किया हमला

कांग्रेस सदस्य केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह सरकार 2014 में ही सत्ता में आ गई थी और उसने महिला आरक्षण लागू करने का वादा भी किया था. उन्होंने सवाल किया कि सरकार को इतने समय तक यह विधेयक लाने से किसने रोका. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सरकार क्या नए संसद भवन के बनने की प्रतीक्षा कर रही थी या इसमें वास्तु से जुड़ा कोई मुद्दा था. उन्होंने पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के कार्यकाल में बनाए गए विभिन्न कानूनों का जिक्र करते हुए कहा कि वे कानून लोगों के जीवन में बदलाव लाने वाले थे और तत्कालीन सरकार द्वारा दिल से लाए गए कानून थे जबकि यह विधेयक दिल के बदले दिमाग का उपयोग कर लाया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार की कथनी और करनी में अंतर है. उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देती है और महिलाओं को अधिकार एवं सम्मान देने की बात करती है लेकिन मणिपुर जैसे गंभीर मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने 100 दिनों के बाद भी कोई टिप्पणी नहीं की.

डेरेक ओ’ब्रायन ने मोदी सरकार पर बोला हमला

तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा कि वह इस विधेयक का समर्थन करते हैं लेकिन सरकार को सहयोग और साझेदारी का रास्ता अपनाने की जरूरत है, न कि कमांडो शैली में गोपनीयता, आश्चर्यजनक और चुपके से विधेयक लाने की. उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस पहले से ही अपनी पार्टी में महिला आरक्षण सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने 2014 में ही 41 प्रतिशत महिलाओं को टिकट दिया था. उन्होंने कहा, महिलाओं को आरक्षण देने के लिए आपको विधेयक लाने की जरूरत नहीं है. आप (भाजपा) 33 प्रतिशत टिकट दीजिए और उन्हें जिताकर लाइए. आप (भाजपा) उन्हीं सीटों पर महिलाओं को टिकट देते हैं जिस पर जीतने की संभावना होती है. आपकी मंशा इतनी ही साफ है तो आप इस विधेयक को 2024 में लागू कीजिए.

‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ के कानून बन जाने के बाद लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या 181 हो जाएगी

गौरतलब है कि ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ के कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या मौजूदा 82 से बढ़कर 181 हो जाएगी. राज्य विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएंगी. कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने लोकसभा में कहा था कि विधेयक में फिलहाल 15 साल के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है और संसद को इसे बढ़ाने का अधिकार होगा. केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया था कि महिलाओं की आरक्षित सीट में भी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण होगा.