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नयी दिल्ली : पिछले महीने एनसीपी (NCP) सुप्रीमो शरद पवार (Sharad Pawar) के साथ कई दौर की बैठकों के बाद अब चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) कांग्रेस नेतृत्व के साथ बैठक कर रहे हैं. मंगलवार को उन्होंने कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) से मुलाकात की. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक इस मुलाकात ने इन अटकलों को हवा दे दी है कि ये बातचीत विपक्षी दलों को एक साथ लाने की कवायद है.
किशोर के कई विपक्षी नेताओं के साथ अच्छे संबंध हैं – उनमें तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, डीएमके सुप्रीमो एम के स्टालिन, आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल और वाईएसआरसीपी प्रमुख वाई एस जगन मोहन रेड्डी जैसे बड़े चेहरे शामिल हैं. उन्होंने उत्तर प्रदेश चुनावों में पार्टी के चुनावी अभियान का प्रबंधन करने के लिए पहले भी राहुल के साथ काम किया है.
कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि राहुल और प्रियंका के साथ किशोर की मुलाकात राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर नहीं थी. और भी बड़े राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की गयी. किशोर के करीबी सूत्रों ने भी कहा कि बैठक का किसी राज्य चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है. इसका सीधा मतलब निकाला जा रहा है कि किशोर आगामी 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाने में जुटे हैं.
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ऐसा भी माना जा रहा है कि राकांपा सुप्रीमो शरद पवार के कहने पर प्रशांत किशोर कांग्रेस से बात कर रहे हैं. दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत और एआईसीसी महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल दोनों उस वक्त राहुल के आवास पर मौजूद थे, जब किशोर दोपहर में वहां पहुंचे. ऐसे में अटकलें तेज हो गईं कि बैठक उन बदलावों के बारे में थी जो कांग्रेस आलाकमान राज्य इकाई को लेकर करना चाहते हैं.
किशोर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के प्रधान सलाहकार भी हैं, जिनके साथ उन्होंने पिछले हफ्ते कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ बैठक के बाद मुलाकात की थी. हालांकि, रावत ने संवाददाताओं से कहा कि कई लोग राहुल जैसे राष्ट्रीय नेता से मिलते हैं और अगर पंजाब पर कोई चर्चा होती तो उन्हें सूचित किया जाता. ममता की जीत के बाद किशोर ने पिछले महीने तीन बार पवार से मुलाकात की, लेकिन उन रिपोर्टों से इनकार किया कि वह गैर-कांग्रेसी विपक्षी दलों को एक साथ लाने में भूमिका निभा रहे थे.
सूत्रों ने कहा कि वास्तव में, कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन तर्क दिया कि प्रयास अभी भी प्रारंभिक अवस्था में थे. पवार के साथ किशोर की बैठकें और मंगलवार को गांधी परिवार के साथ मुलाकात ऐसे समय में हुई हैं जब अधिक से अधिक विपक्षी नेताओं को लगता है कि गैर-भाजपा दलों को ठोस मुद्दों पर भाजपा का मुकाबला करने के लिए एक साथ आना चाहिए.
Posted By: Amlesh Nandan.