Padma Awards: पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य, गायिका संध्या मुखोपाध्याय और तबला वादक अनिंद्य चट्टोपाध्याय ने पद्म पुरस्कार लेने से इंकार कर दिया है. बंगाल के पूर्व सीएम और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के वरिष्ठ नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य को पद्म भूषण और संध्या मुखोपाध्याय एवं अनिंद्य चट्टोपाध्याय को पद्म श्री पुरस्कार देना तय हुआ था. इन तीनों विभूतियों ने पद्म पुरस्कार लेने से मना कर दिया है. श्री भट्टाचार्य का नाम पद्म पुरस्कार पाने वालों की सूची में शामिल भी हो गया था, जबकि संध्या एवं अनिंद्य ने पहले ही पुरस्कार लेने से मना कर दिया था.

सरकार ने कहा- बुद्धदेव को पहले दी गयी थी सूचना

केंद्र सरकार ने कहा है कि पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य को पुरस्कार दिये जाने की घोषणा से पहले उनके परिवार को सुबह में सीनियर ऑफिसर ने संपर्क किया था. बुद्धदेव भट्टाचार्य की पत्नी ने उस सीनियर ऑफिसर से बात की थी. इससे पहले, गायिका संध्या मुखोपाध्याय ने केंद्र सरकार द्वारा उनके नाम घोषित पद्म श्री पुरस्कार लेने से मना कर दिया.


90 साल की गायिका ने पद्म श्री लेने से किया इंकार

उनके परिजनों के मुताबिक, मंगलवार को उनके पास केंद्र सरकार के प्रतिनिधि का फोन आया था. अधिकारी ने उन्हें बताया कि संध्या मुखोपाध्याय को केंद्र सरकार की ओर से पद्म श्री पुरस्कार दिया जा रहा है. लेकिन, 90 वर्षीय गायिका संध्या मुखोपाध्याय ने उसी समय पद्म श्री पुरस्कार लेने से मना कर दिया.

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बीमार चल रहीं हैं संध्या मुखोपाध्याय

पिछले कुछ समय से बीमार चल रहीं श्रीमती मुखोपाध्याय के परिजनों के मुताबिक, उनके लिए यह हैरत की बात है कि जानी-मानी गायिका को पद्म श्री पुरस्कार तब दिया जा रहा है, जब वह 90 वर्ष की हो चुकी हैं. उनसे काफी कम उम्र के लोग बहुत पहले ही पद्म श्री प्राप्त कर चुके हैं.

पद्म श्री पुरस्कार देने के केंद्र के फैसले से संध्या आहत

माना जा रहा है कि संध्या मुखोपाध्याय के परिवार के लिए यह बात काफी तकलीफदेह है कि जब अपने क्षेत्र विशेष में शीर्ष पर पहुंचे एक कलाकार को पद्म भूषण और पद्म विभूषण जैसे पुरस्कार दिये जाते हों, तब उन्हें केंद्र की सरकार पद्म श्री देने की बात कर रही है.

बेटी बोली- अचानक पद्म श्री की बात मेरी मां का अपमान

संध्या मुखोपाध्याय के परिजनों की एक शिकायत यह भी थी कि मंगलवार को अचानक पुरस्कार दिये जाने की घोषणा के बाद ही उन्हें फोन पर इसकी जानकारी दी गयी. उनकी पुत्री सौमी सेनगुप्ता ने कहा कि बिना पूर्व सूचना के अचानक पद्म श्री दिये जाने की बात करना उनकी मां के लिए सम्मान नहीं, अपमान के जैसा था.

75 साल से कर रही हैं संगीत साधना

उन्होंने बताया कि उनकी मां 12 वर्ष की उम्र से गा रही हैं और अब तक की उनकी संगीत साधना 75 वर्ष से अधिक की हो चुकी है. उल्लेखनीय है कि श्रीमती मुखोपाध्याय बांग्ला संगीत जगत में सबसे लंबे समय तक परफॉर्म करनेवाली कलाकार मानी जाती हैं.

Posted By: Mithilesh Jha