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Vijay Diwas 2022: आज से 23 साल पहले कारगिल की पहाड़ियों पर भारत और पाकिस्तान (India Pakistan War) के बीच युद्ध छिड़ गया था. इस जंग की बात करें तो इसकी शुरुआत तब हुई थी, जब पाकिस्तानी सैनिकों ने कारगिल (Kargil) की ऊंची पहाड़ियों पर घुसपैठ कर लिया था और यहां अपना ठिकाना बना लिया था. आइए आज जानते हैं भारत और पाकिस्तान के बीच छिड़ी इस जंग की खास बातें…
-भारतीय सेना (Indian Army in Kargil) को इस बात की भनक तक नहीं लगी थी कि पाकिस्तानी सेना हमारे क्षेत्र में कब्जा जमाकर बैठी है. लेकिन जब भारतीय जवानों को पता चला तो उन्होंने पाकिस्तानी सेना के जवानों को खदेड़ने का काम किया.
-भारत को पाकिस्तान की इस हरकत के बारे में मई में पता चला लेकिन इसकी तैयारी पड़ोसी मुल्क ने कई महीनों पहले से ही शुरू कर दी थी.
-नवंबर 1998 में पाकिस्तानी सेना के एक ब्रिगेडियर को कारगिल सेक्टर की रेकी करने के लिए भेजा गया था. उनकी रिपोर्ट के आधार पर ही इस पूरे प्लान को पाकिस्तान ने तैयार किया.
-अपनी मंशा को अंजाम देने के लिए जनवरी 1999 में पकिस्तान के स्कर्दू और गिलगिट में तैनान फ्रंटियर डिविजन के जवानों की छुट्टियां रद्द कर दी गईं. पकिस्तान के ये हिस्से भी उंची पहाड़ियों वाले ही थे. यही वजह थी कि सर्दियों में ये लोग भी अपनी चौकियां छोड़ देते थे और छुट्टियां मनाने घर लौट जाते थे.
-शुरुआत में 200 जवानों को सिविल ड्रेस में भारतीय सीमा में पाकिस्तान की ओर से भेजा गया लेकिन जब पता चला कि यहां भारतीय सेना का कोई जवान नहीं है, इसके बाद क्या था दुश्मन मुल्क ने वहां और जवान बुला लिये. सर्दियां खत्म होते-होते तक 200 से 300 वर्ग किलोमीटर का हिस्से पर पाकिस्तान ने कब्जा कर लिया.
-मई 1999 तक भारत को पाकिस्तानी घुसपैठियों की इस हरकत के बारे में भनक तक नहीं लगी. फिर एक दिन जब चरवाहे वहां तक पहुंचे तो उन्होंने देखा कि कुछ हथियारबंद लोग भारतीय चौकियों पर नजर आ रहे हैं. इसका मतलब साफ था कि भारतीय चौकियों पर पाकिस्तान ने कब्जा कर लिया है.
-चरवाहों ने वापस आकर पूरी बात भारतीय सेना को बता दी. इसके बाद 8 मई 1999 को जंग की शुरूआत हुई. भारतीय जवानों ने भी ऊंचाई पर पहुंचना शुरू कर दिया और फिर ऑपरेशन विजय भारत की ओर से चलाया गया. इस जंग में भारतीय सेना के साथ-साथ वायुसेना ने भी मोर्चा संभाला और पाकिस्तान को सबक सिखाया.
-भारतीय सेना के साथ एक दिक्कत ये भी थी कि वो नीचे थी और घुसपैठिए ऊंचाई पर तैनात थे, लेकिन उसके बावजूद भारतीय सेना उन्हें खदेड़ती चली गयी.
-26 जुलाई 1999 को कारगिल में भारतीय तिरंगा लहराता नजर आया. कारगिल युद्ध में पाकिस्तान के 600 से ज्यादा सैनिक मारे गये और जबकि 1500 से अधिक घायल हुए. वहीं भारतीय सेना के 562 जवान शहीद हुए और 1363 अन्य घायल हुए.
-करगिल युद्ध (Kargil War) की शुरुआत मई में हुई थी. इसके लिए भारतीय सेना ने उस वक्त ऑपरेशन विजय (Operation Vijay) चलाया था. 26 जुलाई 1999 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस युद्ध में भारत की जीत की घोषणा की थी. तब से हर साल 26 जुलाई को विजय दिवस (Vijay Diwas) के तौर पर मनाया जाता है.