उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बोले, मन बहुत खुश हो जाता है, जब लोग उत्तर प्रदेश की चर्चा करते हैं
उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शनिवार को मेरठ में थे. उन्होंने कहा कि यूपी के लोगों ने क्या कभी सोचा था कि कानून व्यवस्था ठीक हो पाएगी? लोगों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बारे में कहा था कि देखते हैं, इनकी कानून-व्यवस्था कब तक टिकेगी, लेकिन ये टिक गयी है. इस पौधे की जड़ नीचे की ओर जा रही हैं.
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मेरठ: उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शनिवार को मेरठ में थे. मेरठ विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन व प्रादेशिक आयुर्वेद सम्मेलन के उद्घाटन कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि यूपी सही कारणों से चर्चा में है. मन बहुत खुश हो जाता है, जब लोग उत्तर प्रदेश की चर्चा करते हैं. इस प्रांत के मुख्यमंत्री सरल और सख्त अपने नाम के ही अनुरूप हैं. मेरी पहली यात्रा को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यादगार बना दिया है. मेरे हेलीकॉप्टर को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में उतरवाया. उन्होंने सही कहा कि भारत ने एक बड़ी छलांग लगाई है.
उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लोगों ने क्या कभी सोचा था कि कानून व्यवस्था ठीक हो पाएगी? लेकिन आज आप देख सकते हैं. लोगों ने मुख्यमंत्री के बारे में कहा था कि देखते हैं, इनकी कानून-व्यवस्था कब तक टिकेगी, लेकिन ये टिक गयी है. इस पौधे की जड़ नीचे की ओर जा रही हैं. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मेरा परिचय पुराना है. मैं आप सबको बता दूं कि राज्यपाल महोदया की कलम बहुत मजबूत है.
उन्होंने कहा कि काफी समय से पहले मेरी बाबा रामदेव से मुलाकात हुई थी, मैंने उनसे कहा कि कोई ऐसा उपाय बताओ कि कोर्ट में दोनों पक्ष के वकील शांत मन से आयें. आचार्य बालकृष्ण भी यहां उपस्थित हैं. प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य मौजूद हैं. राज्य सभा का सभापति होने के नाते मैं कहना चाहता हूं-कि आप कोई ऐसी औषधि बनाएं ताकि संसद की गरिमा ठीक रहे.
हमारी संविधान सभा ने 3 वर्षों तक अनेक जटिल और विभाजनकारी मुद्दों पर बहस की, उन्हें सुलझाया. लेकिन 3 वर्ष के लंबे समय में, कोई व्यवधान नहीं हुआ, कोई वेल में नहीं आया, कोई प्लेकार्ड नहीं दिखाये गए. हमारा आचरण आज उसके विपरीत है. हम लोकतंत्र के मंदिरों का इस तरह अनादर होते हुए नहीं देख सकते हैं. हम न केवल सबसे बड़े प्रजातंत्र हैं, हम लोकतंत्र की जननी भी हैं.
उप राष्ट्रपति ने कहा कि पंचायत, म्युनिसिपलिटी, राज्य और केंद्र स्तर तक भारत आज दुनिया का सबसे ज्यादा कार्यात्मक प्रजातंत्र है. इसके बाद भी कुछ लोग नैरेटिव सेट करने के लिए आरोप लगाते हैं कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की संसद में माइक बंद कर दिया जाता है. इससे बड़ा असत्य और कुछ नहीं हो सकता. राज्य सभा के सभापति होने के नाते मजबूरन मुझे कहना पड़ रहा है कि भारत की संसद में माइक बंद नहीं होता. हां एक समय था, एक काला अध्याय था, वो आपातकाल का समय था.
उन्होंने कहा कि जैसे भारत ने कोविड से निबटा है उसकी सम्पूर्ण विश्व मे प्रसंशा हुई है. भारत ने अपनी वैक्सीन बनाई, यह भी कुछ लोगों के गले नहीं उतरा. आज हमने 220 करोड़ वैक्सीन की खुराकें दीं हैं और उनकी डिजिटल मैपिंग की गई है.
कोविड के दौरान आयुर्वेद ने अपनी क्षमता सिद्ध की. दुनिया ने योग की ताकत को देखा, पूरी दुनिया ने उसका समर्थन किया. हमारी संस्कृति का साफ संदेश है कि पहला सुख निरोगी काया. मुझे याद है जब मैं मंत्री था, हर सांसद को अधिकार था कि वो साल में किसी को भी 50 गैस कनेक्शन 50 फोन कनेक्शन दे सकता है. आज स्थित देखिए. आज देश की सरकार बड़ा सोचती है और उससे भी बड़ा करती है.
उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि आज लाइफस्टाइल डिसीज़ की बात होती है. इसमें आयुर्वेद और परंपरागत चिकित्सा पद्धतियां बहुत प्रभावी हैं. यह वही बात हुई – “गली में छोरो गांव में ढिंढोरो।”अब ये आपको तय करना है कि आप आयुर्वेद को कहां तक ले जाएंगे. अंत में मैं बस इतना कहना चाहूंगा कि एक वातावरण तैयार कीजिए, संसद और विधान सभाओं में आचारण अनुकरणीय होना चाहिए. वहां व्यवधान नहीं होना चाहिए, पर ये कैसे होगा- इसके लिए आप सभी को जनांदोलन करना होगा् उन लोगों को जवाबदेह बनाना होगा, जो इस महान देश की उपलब्धियों का निरादर करते हैं।