‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
Vande Metro Train : ट्रेनों को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में गुरुवार को अहम जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि ट्रेनों में सामान्य डिब्बों की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए करीब ढाई हजार सामान्य कोच के उत्पादन का विचार सरकार कर रही है. केंद्र की मोदी सरकार ने 50 और अमृत ट्रेन के निर्माण का फैसला किया है. रेल मंत्री ने सदन को जानकारी दी कि कि 150 से 200 किलोमीटर की दूरी वाले दो शहरों के बीच वंदे मेट्रो चलाई जाएगी जिसका डिजाइन तैयार किया जा चुका है. वंदे मेट्रो को लेकर लोगों में काफी उत्सुकता है. कुछ लोग इसे वंदे भारत ट्रेन समझ बैठते हैं. तो आईए आपको दोनों ट्रेनों के बीच का अंतर बतलाते हैं…
Vande Metro : वंदे मेट्रो ट्रेन क्या है जानें यहां…
वंदे मेट्रो ट्रेन की बात करें तो ये, वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का एक छोटी दूरी का मॉर्डन फॉर्मेट है. इसे लगभग 100-200 किलोमीटर की दूरी के अंदर आने वाले 124 शहरों को जोड़ने के लिए तैयार किया गया है. वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की तरह ही वंदे मेट्रो ट्रेन भी ऑटोमेटेड है. इसकी खासियत है कि यह बिना लोकोमोटिव इंजन के पटरी पर दौड़ती है. कहा जाए तो, वंदे मेट्रो को ईएमयू ट्रेनों की जगह आने वाले दिनों में ले सकता है.
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Vande Metro Train की खासियत
- वंदे मेट्रो ट्रेनों का लुक और इन्फ्रास्ट्रक्चर अन्य लोकल मेट्रो ट्रेनों से अच्छा है.
- ट्रेन का इंटीरियर हाई क्लास सुविधाओं से लैस है जिसमें यात्रियों के बैठने और खड़े रहकर सफर करने की खास व्यवस्था रेलवे की ओर से की गई है.
- वंदे मेट्रो ट्रेनों की स्पीड अन्य मेनलाइन ईएमयू की तुलना में ज्यादा होती है. जो खबर सामने आई है उसके अनुसार, इसकी अधिकतम स्पीड 130 किमी प्रति घंटे की होगी.
- वंदे मेट्रो ट्रेनें पूरी तरह से एसी होगी.
- वंदे मेट्रो ट्रेनों में ऑटोमेटिक गेट, मोबाइल चार्जिंग सॉकेटके अलावा डिफ्यूज्ड लाइटिंग होंगी.
- ट्रेन में सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे.
- यात्रियों की सुरक्षा के लिए इसमें ‘कवच’ ट्रेन एंटी कोलिजन सिस्टम लगाया गया है.