‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
नयी दिल्ली : भारत में कोरोना महामारी की शुरुआत में लागू लॉकडाउन के दौरान नौकरी गंवाने वालों के लिए एक अच्छी खबर है. लॉकडाउन के दौरान नौकरी गंवाने वाले लोगों को अमेरिका मदद करेगा. अमेरिका कोविड-19 की वजह से नौकरी गंवाने वाले कमजोर वर्ग के लोगों मसलन असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों तथा सूक्ष्म उद्यमों की मदद के लिए 19 लाख डॉलर की मदद देगा. अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएड) यह मदद अमेरिका के लोगों के जरिये उपलब्ध करा रही है. यह सुविधा 60,000 से 1,00,000 श्रमिकों तथा उपक्रमों तक पहुंचने की उम्मीद है.
वैश्विक महामारी ने कमजोर लोगों को किया सबसे अधिक प्रभावित
भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ आई जस्टर ने कहा कि हम इस मदद के जरिये स्थानीय अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण में सहयोग करेंगे. साथ ही, ऐसे लोगों की सहायता की जाएगी, जो इस महामारी से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं. जस्टर ने कोविड-19 की वजह से पैदा हुई दिक्कतों से प्रभावित लोगों को वित्तीय मदद पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि इस वैश्विक महामारी ने कमजोर और कम भाग्यशाली लोगों को सबसे अधिक प्रभावित किया है. इससे ऐसे समूह के लिए आर्थिक चुनौतियां बढ़ गई हैं.
रिवाइव अलायंस के जरिए की जाएगी आर्थिक मदद
अमेरिकी दूतावास की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यूएसएड के कोष की मदद से सम्हिता-कलेक्टिव गुड फाउंडेशन द्वारा स्थापित रिवाइव अलायंस को समर्थन दिया जाएगा. इसकी सह-स्थापना माइकल एंड सुसन डेल फाउंडेशन, ओमिड्यार नेटवर्क तथा फोर्ड फाउंडेशन ने की है. रिवाइव अलायंस की स्थापना का मकसद अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में बेरोजगारी तथा आय के अंतर की वजह से पैदा हुई चुनौतियों को दूर करने में मदद करना है.
युवा और महिलाओं को पहुंचाई जाएगी मदद
रिवाइव अलायंस द्वारा पहले चरण में 68.5 लाख डॉलर की मिश्रित वित्त की सुविधा दी जाएगी. इसके तहत स्व रोजगार में लगे श्रमिकों को ऋण या वापस किया जाने वाला अनुदान दिया जाएगा. यह सुविधा 60,000 से 1,00,000 श्रमिकों तथा उपक्रमों तक पहुंचने की उम्मीद है. इसमें युवाओं और महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी. बयान में कहा गया है कि रिवाइव अलायंस द्वारा बेरोजगार युवाओं तथा असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को कौशल प्रदान करने पर भी काम किया जाएगा.
Posted By : Vishwat Sen