पटना / वाराणसी : मुजफ्फरपुर की शिवांगी सिंह के बाद अब वाराणसी की शिवांगी सिंह की चर्चा चहुंओर है. पिछले साल बिहार के मुजफ्फरपुर निवासी शिक्षक हरि भूषण सिंह की पुत्री शिवांगी सिंह ने भारतीय नौसेना की पहली महिला पायलट होने का गौरव हासिल किया था. अब एक और शिवांगी सिंह चर्चा में है. उन्हें देश के सबसे ताकतवर युद्धक विमान राफेल को उड़ाने की जिम्मेदारी मिली है. उनकी इस उपलब्धि से परिवार में उत्साह है.

बनारस की गलियों से निकल कर शिवांगी सिंह दुनिया की सबसे उच्च श्रेणी के युद्धक विमानों में से एक राफेल की पहली महिला पायलट बनने जा रही हैं. फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह ‘कन्वर्जन ट्रेनिंग’ ले रही हैं. ट्रेनिंग पूरा करने के बाद वायुसेना के अंबाला बेस पर 17 ‘गॉल्डन एरोज स्क्वैड्रन’ में औपचारिक एंट्री लेंगी.

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क्या होता है कन्वर्जन ट्रेनिंग

जब किसी पायलट को एक फाइटल जेट से दूसरे फाइटर जेट में स्विच करने के लिए ट्रेनिंग दी जाती है, उसे ‘कन्वर्जन ट्रेनिंग’ कहते हैं. फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह मिग-21 एस उड़ा चुकीं हैं. इसलिए राफेल उड़ाने में उन्हें कोई मुश्किल नहीं आयेगी. चूंकि, 340 किमी प्रति घंटे की गति से उड़ान भरनेवाला मिग दुनिया का सबसे तेज लैंडिंग और टेक-ऑफ स्पीड वाला विमान है.

बीएचयू से की पढ़ाई

शिवांगी सिंह की पढ़ाई बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) से हुई है. फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह की 2017 में महिला पायलटों के दूसरे बैच में कमिशनिंग हुई. पहले वह राजस्थान के फॉरवर्ड फाइटर बेस पर तैनात थीं. उन्होंने वहां से विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के साथ उड़ान भरी थी. अब वह राफेल विमान के स्क्वॉड्रन की पहली महिला पायलट बन गयी हैं. बनारस की बेटी को मिले इस सम्मान से परिवार में उत्साह है.

मुजफ्फरपुर की बेटी शिवांगी बनी थी नौसेना की पहली महिला पायलट

मालूम हो कि इससे पहले मुजफ्फरपुर के शिक्षक हरि भूषण सिंह की पुत्री शिवांगी ने भारतीय नौसेना की पहली महिला पायलट होने का गौरव हासिल किया था. सब लेफ्टिनेंट शिवांगी फिक्स्ड विंग डोर्नियर सर्विलांस विमान उड़ायेगी.