महाराष्ट्र में सियासी सरगर्मी तेज हो गयी है. चुनाव आयोग से शिवसेना पार्टी और चुनाव चिह्न छीनने के बाद उद्धव ठाकरे गुट को एक के बाद एक कई झटके लग रहे हैं. चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, तो वहां से भी आज उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा. सीजेआई ने मामले पर तत्काल सुनवाई से साफ इनकार कर दिया. अब उद्धव ठाकरे गुट को शिंदे गुट से एक और झटका लगा है. विधानसभा में पार्टी ऑफिस पर शिंदे गुट ने कब्जा कर लिया.

महाराष्ट्र विधानसभा में पार्टी ऑफिस पर शिंदे गुट ने किया कब्जा

खबर आ रही है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट ने महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना पार्टी ऑफिस पर भी कब्जा कर लिया है. शिंदे गुट को ऑफिस आवंटित कर दिया गया है. शिवसेना (शिंदे गुट) के मुख्य सचेतक भरत गोगावाले अन्य विधायकों के साथ विधान भवन पहुंचे और राज्य विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से मिलकर नोटिस दी है. शिंदे गुट विधान भवन में शिवसेना विधायक दल के कार्यालय को सौंपने की मांग कर रहे हैं.

शिवसेना के रूप में मान्यता मिली है, तो कार्यालय अब हमारा है

शिवसेना (शिंदे गुट) भरत गोगावाले ने कहा, हमने स्पीकर को नोटिस दिया है. हम ईसीआई के आदेश का पालन कर रहे हैं. आगे कैसे बढ़ना है, इस पर हम विचार करेंगे. चूंकि ईसीआई ने हमें शिवसेना के रूप में मान्यता दी है, इसलिए यह कार्यालय अब हमारा है.

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संजय राउत ने शिवसेना के नाम एवं चुनाव निशान को खरीदने का लगाया आरोप

शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने दावा किया कि शिवसेना पार्टी के नाम एवं निशान ‘तीर-धनुष’ को खरीदने के लिए 2000 करोड़ रुपये का सौदा हुआ है. हालांकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े के विधायक सदा सर्वांकर ने राउत के दावे का खंडन किया और सवाल किया, क्या संजय राउत खजांची हैं.

चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को बताया असली शिवसेना

गौरतलब है कि निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को एकनाथ धड़े को असली शिवसेना की मान्यता देते हुए उसे चुनाव निशान ‘तीर-धनुष’ आवंटित करने का आदेश दिया. पार्टी संगठन पर काबिज होने को लेकर चले लंबे संघर्ष पर 78 पन्नों के अपने आदेश/फैसले में निर्वाचन आयोग ने उद्धव ठाकरे धड़े को उसे आवंटित किया गया चुनाव निशान ‘जलती मशाल’ महाराष्ट्र में विधानसभा उपचुनाव होने तक रखने की अनुमति दी.