‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
TRAI: फर्जी कॉल कर लोगों को ठगने का काम बड़े पैमाने पर हो रहा है. साइबर ठग किसी संस्था का नाम लेकर उपभोक्ताओं को फोन कर ठगने का काम कर रहे है. टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया(ट्राई) के नाम से भी लोगों को फोन कर ठगने का मामला सामने आया है. मामला सामने आने के बाद ट्राई ने आम लोगों को ऐसे फर्जी कॉल से बचने की हिदायत दी है. आम लोगों को ट्राई के नाम पर धमकी दी जा रही है कि अगर वे पूछी गयी जानकारी नहीं देंगे तो उनका नंबर ब्लॉक कर दिया जायेगा. इस बाबत ट्राई का कहना है कि वे उपभोक्ताओं से फोन या किसी अन्य माध्यम से संपर्क नहीं करता है और ना ही तीसरी पार्टी को ऐसा करने के लिए अधिकृत करता है. ऐसे में ट्राई के नाम पर फोन, मैसेज को फर्जी समझा जाना चाहिए और ऐसे किसी कॉल की अनदेखी करनी चाहिए.
सेवा प्रदाता कंपनियों के पास है फोन ब्लॉक करने का अधिकार
ट्राई का कहना है कि किसी मोबाइल नंबर को केवाईसी, दुरुपयोग और बीलिंग संबंधी समस्या के कारण बंद करने का अधिकार सेवा प्रदान करने वाली कंपनी के पास होता है. ऐसे में आम लोगों को फर्जी कॉल के प्रति सजग रहते हुए ठगों के जाल में फंसने से बचना होगा. अगर लोगों के पास ऐसा किसी तरह का संदेश आता है तो वे सेवा प्रदाता कंपनी के कस्टमर सर्विस सेंटर से सही जानकारी हासिल कर सकते हैं. आम लोगों को साइबर ठगों से बचाने के लिए सरकार ने ऐसे फर्जी कॉल की शिकायत के लिए चक्षु पोर्टल बनाया है. साथ ही लोग ऐसी शिकायत संचार साथी पोर्टल पर भी कर सकते हैं. इसके अलावा हेल्पलाइन नंबर 1930 पर भी किया जा सकता है.