कराची : पाकिस्तान का कराची शहर आज दहल गया. कराची के स्टॉक एक्सचेंज पर हुए आतंकी हमले में कुल छह लोग मारे गये हैं. इस हमले से जहां कराची शहर लहूलुहान हो गया है, वहीं एक सवाल भी खड़ा हो रहा है कि क्या अब भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ओसामा बिन लादेन को शहीद कहेंगे?

पाकिस्तान ऐसा देश है जो भारत के तमाम विरोध के बावजूद अपने देश और पीओके में आतंकवादियों को पनाह देता है. इतना ही नहीं वह भारत पर आतंकवादी हमला करने की साजिश रचने के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल करने देता है और उन आतंकियों को सहायता भी पहुंचता है. इस बात के प्रमाण कई बार भारत दे चुका है.

ओसामा बिन लादेन जैसे आतंकी को भी पाकिस्तान ने शरण दी थी, हाफिज सईद और इसके जैसे कई खूंखार आतंकियों और उनके संगठनों का पाकिस्तानी हिमायती रहा है. परिणाम यह हो रहा है कि अब उसके अपने ही देश में आतंकी हमले हो रहे हैं. बावजूद इसके वह आतंकियों की मदद करने से बाज नहीं आता है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अपने हालिया बयान में ओसामा बिन लादेन को शहीद बता दिया था जिसका भरपूर विरोध हुआ था.

पाकिस्तान की इन्हीं हरकतों के कारण एफएटीएफ ने उसे ग्रे सूची में डाल रखा है, जो आतंकियों को मदद पहुंचाने वाले संदिग्ध राष्ट्रों की सूची है. वह लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को भी मदद पहुंचाता है. आतंकवाद को समर्थन देने का खामियाजा पाकिस्तान कई बार भुगत चुका है.

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2014 में पेशावर के आर्मी स्कूल में हुए हमले में लगभग 140 लोग मरे थे जिनमें से 132 बच्चे थे. यह हमला बहुत ही खौफनाक था. इस हमले में शामिल संगठन तहरीक ए तालिबान को भी पाकिस्तान ने ही शह दी थी. यह एक उदाहरण है मात्र है, ऐसी कई घटनाएं पाकिस्तान में अब आम हो चुकी है, लेकिन शर्मनाक यह है कि अब भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ओसामा बिन लादेन को शहीद बता रहे हैं.