नयी दिल्ली : सुशांत सिंह राजपूत मामले पर सीबीआई ने भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी को जवाब दिया है. सीबीआई ने पत्र में लिखा है कि, ”सीबीआई नवीनतम वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग करते हुए गहन और पेशेवर तरीके से जांच कर रही है. सभी पहलुओं पर गौर किया जा रहा है. किसी भी सूरत में इससे इनकार नहीं किया गया है.”

सीबीआई ने कहा है कि पटना के राजीवनगर में दर्ज प्राथमिकी में केके सिंह अपने बेटे सुशांत सिंह राजपूत की अप्राकृतिक मौत से संबंधित शिकायत को पंजीकृत किया है. बाद में जांच सीबीआई को हस्तांतरित कर दी गयी थी. इसके बाद छह अगस्त, 2020 को रिया चक्रवर्ती, उसके परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों के खिलाफ फिर से पंजीकृत किया गया था.

रिया चक्रवर्ती द्वारा दायर स्थानांतरण याचिका में 19 अगस्त, 2020 को सर्वोच्च न्यायालय ने पटना पुलिस से सीबीआई को जांच के हस्तांतरण को मंजूरी दे दी. जांच की जिम्मेदारी लेने के बाद, सुशांत सिंह राजपूत की अप्राकृतिक मौत से संबंधित परिस्थितियों को देखने के लिए जांच अधिकारियों की टीम गठित की गयी. साथ ही पटना पुलिस से प्राथमिकी के कागजात ले लिये. साथ ही मुंबई की बांद्रा पुलिस से सुशांत सिंह राजपूत की अप्राकृतिक मौत से संबंधित कागजात कब्जे में ले लिये.

जांच अधिकारियों ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अलीगढ़, फरीदाबाद, हैदराबाद, मुंबई, गुड़गांव के मानेसर और पटना के सभी स्थानों का दौरा किया. घटना से संबंधित परिस्थितियों की बेहतर समझ के लिए जांच दल और वरिष्ठ अधिकारियों ने कई मौकों पर घटनास्थल का दौरा किया था.

नयी दिल्ली स्थित भारत में सबसे बेहतर माने जानेवाले केंद्रीय फॉरेन्सिक विज्ञान प्रयोगशाला के सीबीआई विशेषज्ञ ने घटनास्थल का दौरा कर जांच की. साथ ही विशेषज्ञों ने कृत्रिम रूप से अभ्यास भी किया.

नयी दिल्ली के फॉरेन्सिक मेडिसिन विशेषज्ञ ने भी घटनास्थल का दौरा किया और कूपर अस्पताल की मोर्चरी और उनके द्वारा अपनायी गयी पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया को समझने के लिए ऑटोप्सी सर्जन के साथ मामले पर भी चर्चा की.

जांच के दौरान सभी संबंधित गवाहों की शिकायतकर्ता और उसके परिवार के सदस्यों और अन्य स्वतंत्र स्रोतों द्वारा बतायी गयी परिस्थितियों, आशंकाओं को समझने के लिए जांच की गयी. इस मामले में गहनतम जांच की गयी है.

डिजिटल उपकरणों में उपलब्ध प्रासंगिक डेटा का निष्कर्षण और विश्लेषण के लिए नवीनतम सॉफ्टवेयर्स सहित उन्नत मोबाइल फॉरेन्सिक उपकरणों का उपयोग जांच के दौरान किया गया गया. साथ ही मामले से संबंधित प्रासंगिक सेल टॉवर स्थानों के डंप डेटा का भी विश्लेषण किया गया है.