Prashant bhushan case : सीनियर वकील प्रशांत भूषण मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का दोषी पाया. कोर्ट में इस मामले में सजा पर बहस हो रही है. इस मामले की सुनवाई जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच सुनवाई कर रही थी.

सुनवाई के दौरान क्या-क्या हुआ- सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रशांत भूषण के वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि हम पुनर्विचार याचिका दायर कर रहे हैं. इसलिए सजा पर रोक लगाई जाए, जिसपर जस्टिस अरूण मिश्रा ने कहा कि फैसला पर अमल पुनर्विचार याचिका के बाद ही शुरू होगा.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार प्रशांत भूषण मामले में देश के 1500 वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर कार्रवाई रोकने की मांग की है. इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले वकीलों में श्रीराम पांचू, अरविंद दतार, श्याम दीवान, मेनका गुरू स्वामी, राजू रामचंद्रन, बिश्वजीत भट्टाचार्य, नवरोज सीरवाई, जनक द्वारकादास, इकबाल चागला, दारिअस खंबाटा, वृन्दा ग्रोवर, मिहिर देसाई, कामिनी जायसवाल और करूणा नंदी शामिल हैं.

क्या है पूरा मामला- बता दें कि 14 अगस्त को जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने प्रशांत भूषण को उनके दो ट्वीट्स के लिए कोर्ट की अवमानना का दोषी करार ठहराया. कोर्ट ने कहा था कि ये ट्वीट्स तोड़े-मरोड़े गए तथ्यों पर आधारित थे और इनसे सुप्रीम कोर्ट की बदनामी हुई.

इससे पहले प्रशांत भूषण को नवंबर 2009 में भी सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का नोटिस दिया था. तब उन्होंने एक मैगजीन को दिए इंटरव्यू में सुप्रीम कोर्ट के कुछ जजों पर टिप्पणी की थी, जिसमें भूषण ने जजों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था.

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Posted By : Avinish Kumar Mishra