‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
Social Justice: देश में समाज के वंचित तबकों के लिए काम करने वाली संवैधानिक संस्थाएं लोगों की बेहतरी के लिए बेहतर तरीके से काम काम कर सकें, इसे लेकर बुधवार को एक अहम बैठक हुई. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग और राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्यों ने समाज को आगे बढ़ाने के उपायों पर मंथन किया. बैठक का मकसद सभी आयोग के समक्ष चुनौतियों और लोगों की भलाई को बेहतर तरीके से करने पर विचार किया गया.
बैठक की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति के आयोग किशोर मकवाना ने कहा कि आयोगों के कामकाज को अधिक पारदर्शी बनाने और लोगों को त्वरित न्याय दिलाने पर बैठक में विचार किया गया. आयोगों को मजबूत करने के लिए एक संयुक्त प्रयास करने और इसका ब्लूप्रिंट केंद्र सरकार काे भेजने के प्रस्ताव पर भी मंथन किया गया. राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने कहा कि सभी आयोग को मिलकर संयुक्त रणनीति बनानी होगी ताकि सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर तरीके से हो सके.
कर्तव्यों के प्रति लोगों को जागरूक करने की जरूरत
समाज के वंचित तबके के विकास के लिए संविधान के तहत कई आयोग का गठन किया गया है. आयोग समाज के वंचित तबके की शिकायत और जरूरत के हिसाब से फैसले लेते हैं. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सचिव जी श्रीनिवास ने आयोग द्वारा उठाए गए कदमों और कर्तव्यों को लेकर प्रेजेंटेशन दिया. साथ ही आयोग के समक्ष इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी, अदालती मुकदमों और आयोग की सिफारिशों पर अमल में देरी को लेकर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि सभी आयोग एक संयुक्त प्रस्ताव आयोग को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न मंत्रालय को सौंपेंगे. ताकि आने वाले समय में आयोग पूरी मजबूती के साथ समुदाय के विकास के लिए काम कर सके.