चाचा शरद पवार के खिलाफ अजित पवार की बगावत से महाराष्ट्र की राजनीति में पासा पलट गया है. एनसीपी दो गुटों में बंट गयी है. अजित पवार और शरद पवार गुट में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. इस बीच शरद पवार ने शनिवार को अपने भजीते अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल पर पलटवार किया.

हार के बाद भी प्रफुल्ल पटेल को राज्यसभा सांसद बनाया : शरद पवार

प्रफुल्ल पटेल के इस आरोप के बारे में पूछे जाने पर कि उन्होंने अपनी बेटी सुप्रिया सुले को सारी शक्तियां दे दी हैं, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा, पार्टी कार्यकर्ता चाहते थे कि सुप्रिया सुले राजनीति में आएं, उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. शरद पवार ने अपना हमला तेज करते हुए कहा, प्रफुल्ल पटेल को 10 साल के लिए केंद्रीय मंत्री का पद दिया गया था और फिर वह लोकसभा चुनाव में हार गए. प्रफुल्ल पटेल के लोकसभा सीट हारने के बाद भी, उन्हें राज्यसभा सीट दी गई.

प्रफुल्ल पटेल ने शरद पवार पर लगाया था भाई-भतीजावाद का आरोप

गौरतलब है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता प्रफुल्ल पटेल को शरद पवार का दाहिना हाथ माना जाता था, लेकिन एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद दोनों के बीच दूरियां बढ़ गयीं हैं. महाराष्ट्र में जारी एनसीपी संकट के बीच प्रफुल्ल पटेल ने कथित तौर पर शरद पवार पर भाई-भतीजावाद का आरोप लगाया लगा दिया है. अजित के खेमे में शामिल हुए प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि सुप्रिया सुले शरद पवार के सभी कार्यों का आधार बन गई हैं. मालूम हो विभाजन से तीन हफ्ते पहले प्रफुल्ल पटेल और सुप्रिया सुले को संयुक्त रूप से पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था. प्रफुल्ल पटेल शरद पवार के दाहिने हाथ हुआ करते थे, जिससे ऐसी अटकलें लगने लगीं कि अजित पवार के विद्रोह को शरद पवार का ‘आशीर्वाद’ प्राप्त था.

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