‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
सनातन धर्म मामले को लेकर बयानबाजी का दौर जारी है. इस बीच तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा है कि मैं सभी मामलों का कानूनी रूप से सामना करूंगा. प्रधानमंत्री ‘‘मोदी और उनके सहयोगी’’ मणिपुर हिंसा, भ्रष्टाचार से ध्यान भटकाने के लिए सनातन धर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि हम किसी भी धर्म के शत्रु नहीं हैं.
द्रमुक नेता और तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के बयान पर शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) सांसद संजय राउत ने कहा कि हमने यह बयान सुना है… उदयनिधि स्टालिन एक मंत्री हैं और उनके बयान का कोई समर्थन नहीं करेगा. उनको इस तरह के बयान से बचना चाहिए. यह DMK की राय हो सकती है. इस देश में 90 करोड़ हिंदू और अलग-अलग धर्मों के लोग रहते हैं. उन्होंने आगे कहा कि इस तरह से पूरे देश का माहौल खराब हो गया है. एम. के. स्टालिन एक आदरणीय नेता हैं. अगर उनके सलाहकार थोड़ा बचकर बयान दें तो I-N-D-I-A में रुकावट नहीं आएगी.
आपको बता दें कि तमिलनाडु के युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने गत शनिवार को यह टिप्पणी कर विवाद पैदा कर दिया कि ‘सनातन धर्म’ समानता एवं सामाजिक न्याय के विरुद्ध है और इसका उन्मूलन करने की जरूरत है. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने ‘सनातन धर्म’ की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू से करते हुए कहा था कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं करना चाहिए बल्कि इनका उन्मूलन कर देना चाहिए.