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जयपुर : राजस्थान कांग्रेस में आपसी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सूबे के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के जयपुर में किए गए अनशन पर राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने बुधवार को सचिन पायलट को नसीहत दे डाली. उन्होंने एक प्रकार से तंज कसते हुए कहा कि सचिन पायलट को पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कथित भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर एक दिन का अनशन करने के बजाय विधानसभा में मुद्दे को उठाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि पायलट जो कुछ कहना चाहते थे, उन्हें वह विधानसभा में कहना चाहिए था. इसका कारण यह है कि किसी मुद्दे को उठाने के लिए विधानसभा से बड़ा कोई दूसरा प्लेफॉर्म नहीं होता.
पायलट ने जयपुर में किया था अनशन
बताते चलें कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल में हुए तथाकथित भ्रष्टाचार के मामलों में मौजूदा अशोक गहलोत नीत कांग्रेस सरकार की ओर से कार्रवाई नहीं किए जाने के विरोध में पायलट ने पिछले सप्ताह जयपुर में एक दिन का अनशन किया था. इस बारे में पूछे जाने पर रंधावा ने मीडिया से कहा कि यह बात विधानसभा में हो सकती थी. उससे बड़ा कोई प्लेटफॉर्म नहीं है. वहीं विपक्ष था, वहीं मुख्यमंत्री बैठे थे, वहीं कांग्रेस के सभी विधायक थे, वहां पूरी भाजपा थी. वहां बोलना चाहिए था कि हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आज तक क्या किया?
राज्यपाल के अभिभाषण के बाद उठाते मुद्दा
राजस्थान कांग्रेस के प्रमुख सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि पायलट राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई बहस के दौरान यह मुद्दा उठा सकते थे और मुख्यमंत्री को बहस के जवाब के दौरान इसका भी उत्तर देना पड़ता. कांग्रेस की एक दिवसीय कार्यशाला से पहले रंधावा ने कहा कि अनशन करना व्यक्तिगत हो सकता है, लेकिन जो पार्टी की बात है, जो मैं कह रहा हूं. विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान हम अपनी बात रख सकते हैं और मुख्यमंत्री को उसका जवाब देना पड़ता है.
विधायकों की बयानबाजी पर नजर है
पार्टी के कुछ विधायकों की बयानबाजी को लेकर उन्होंने कहा कि ये बातें मेरे ध्यान में हैं. मैं करीब से निगाह रखे हुए हूं और जो कांग्रेस के लिए काम कर रहे हैं, जो कांग्रेस के लिए समस्याएं खड़ी कर रहे हैं उनको भी देख रहा हूं. जो कांग्रेस के लिए बिना किसी ओहदे के बिना किसी लालच के काम कर रहे हैं उनको भी मैं देख रहा हूं.
क्या है सचिन पायलट का आरोप
पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा था कि 2013 से 2018 तक कांग्रेस विपक्ष में थी और उसने राज्य में भाजपा की तत्कालीन सरकार के भ्रष्टाचार के मुद्दे उठाए थे और 2018 के विधानसभा चुनावों में वादा किया था कि अगर कांग्रेस की सरकार बनी, तो उन मामलों में कार्रवाई होगी. पायलट के अनुसार, लेकिन मौजूदा सरकार के चार साल से अधिक के कार्यकाल में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार के मामलों में कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसी मुद्दे को लेकर उन्होंने यहां एक दिन का अनशन किया था.
पहले पार्टी को बढ़ाना जरूरी
कांग्रेस के एक विधायक द्वारा कुछ मंत्रियों के भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाए जाने पर रंधावा ने कहा कि इतने विधायक हैं हमारे पास, तो दो चार अगर आलोचना करेंगे तो हम अपने आप में सुधार भी लाएंगे. उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव पर है. मेरा मुख्य फोकस यही है संगठन को कैसे आगे लेकर जाना है, और कैसे हमें काम करना है. राजस्थान में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं.