‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने शनिवार को उस शिकायतकर्ता का बयान दर्ज किया, जिन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को महात्मा गांधी की हत्या से जोड़कर बदनाम करने का आरोप लगाया है. न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) एल सी वाडिकर के समक्ष शिकायतकर्ता एवं आरएसएस कार्यकर्ता राजेश कुंटे का ‘एक्जामिनेशन-इन-चीफ’ (एक वादी/गवाह से उसके पक्ष के वकील द्वारा पूछताछ) शुरू हुआ.
2014 में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने आरएसएस पर लगाया था गंभीर आरोप
वर्ष 2014 में एक रैली में आरएसएस पर महात्मा गांधी की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाने संबंधी बयान को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ कुंटे ने एक निजी शिकायत दाखिल की थी. शिकायत में दावा किया गया है कि यह बयान झूठा है और इससे आरएसएस की छवि धूमिल हुई है.
सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता ने कोर्ट को सौंपी डीवीडी
शनिवार को सुनवाई के दौरान कुंटे ने अदालत को राहुल गांधी के भाषण की एक डीवीडी भी सौंपी. उनके वकील ने सबूत के तौर पर सात नये दस्तावेज भी पेश किये, लेकिन राहुल गांधी के वकील एडवोकेट नारायण अय्यर ने आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्हें इन दस्तावेजों की प्रतियां नहीं दी गई. शिकायतकर्ता के वकील ने फिर अय्यर को प्रतियां उपलब्ध कराईं.
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