नयी दिल्ली : यस बैंक क्राइसिस के बाज सोमवार को लोकसभा में भी बैंक विलफुल डिफॉल्टर का मुद्दा छाया रहा. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रश्नकाल मेें सरकार से 50 विलफुल डिफॉल्टरों के नाम मांगे. जवाब में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि 25 लाख रुपये से अधिक का डिफॉल्ट करने वाले सभी लोगों के नाम वेबसाइट पर उपलब्ध हैं. हालांकि राहुल सरकार के सवाल से संतुष्ट नहीं हुए और संसद के बाहर प्रेस वार्ता कर सरकार पर गंभीर आरोप लगाये.

राहुल ने कहा, ‘मैंने आज लोकसभा में सरकार से 50 बैंक डिफॉल्टरों के नाम मांगे थे, लेकिन सरकार उनका नाम नहीं बता पायी.’

स्पीकर पर लगाया आरोप– पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए लोकसभा स्पीकर पर भी आरोप लगाया. राहुल ने कहा कि स्पीकर ने सरकार से मुझे प्रश्न नहीं पूछने दिया. यह मेरा अधिकार था, लेकिन स्पीकर ने सवाल पूछने से पहले ही मुझे रोक दिया. मैं एक और पूरक सवाल पूछना चाहता था.

पीएम मोदी पर साधा निशाना– राहुल ने लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने संसद में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं हम चोरों को पकड़ेंगे, लेकिन उन्हीं की सरकार चोरों का नाम छुपा रही है.

सरकार डिफॉल्टरों को बचा रही- राहुल ने कहा कि मेरा सीधा सवाल था कि देश के 50 विलफुल डिफॉल्टर कौन है, लेकिन सरकार ने नाम बताने की बजाय लंबा भाषण दिया. सरकार उन लोगों को बचा रही है. राहुल गांधी ने इसके साथ ही अर्थव्यवस्था की हालात को गंभीर बताया है.

वित्त राज्यमंत्री के जवाब देने से नाराज हुए विपक्ष– राहुल के सवाल का जवाब देने वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर उठे, जिसके बाद कांग्रेसी सांसद नाराज हो गये. बाद में स्पीकर ने मामले में हस्तक्षेप कर सभी को शांत कराया.

आरबीआई ने दिया था 30 लोगों की सूची– रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 2019 में सुप्रीम कोर्ट के चार साल बाद बैंक डिफाल्टरों का विवरण जारी किया था. आरबीआई ने यह विवरण सूचना का अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में दिया था. एक RTI आवेदन के जवाब में रिजर्व बैंक ने 30 अप्रैल 2019 तक 30 बड़े डिफाल्टरों के विवरण दिया था. इन 30 कंपनियों के पास कुल 50,000 करोड़ रूपये से ज्यादा का बकाया है. इनमें हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी और नीरव मोदी की कंपनियों के भी नाम हैं. विवरण के अनुसार गीतांजलि जेम्स विलफुल डिफॉल्टर सूची में सबसे आगे थी.