Navjot Singh Sidhu Vs Amarinder Singh Dispute पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस विधायक नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच जारी विवाद अभी सुलझता नहीं दिख रहा है. इन सबके बीच, पंजाब कांग्रेस में जारी अंदरूनी कलह को लेकर पार्टी आलाकमान मुश्किल में है. एक तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जहां पंजाब में पार्टी को एकजुट रखने का फॉर्मूला ढूंढ़ रहे हैं. वहीं, नवजोत सिंह सिद्धू के धुआंधार ट्वीट ने कांग्रेस की टेंशन बढ़ा दी है. अपने ताजा ट्वीट में कांग्रेस विधायक नवजोत सिंह सिद्धू ने आम आदमी पार्टी (AAP) की तारीफ की है, जिसको लेकर पंजाब में सियासी चर्चाओं का बाजार गरम हो गया है.

दरअसल, कांग्रेस विधायक नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट करते हुए लिखा कि हमारे विपक्षी आम आदमी पार्टी ने हमेशा पंजाब के लिए मेरे विजन और काम को पहचाना है. 2017 से पहले की बात हो, बेअदबी, ड्रग्स, किसानों के मुद्दे, भ्रष्टाचार और बिजली संकट का सामना पंजाब के लोगों ने किया और इन मुद्दों को मेरे द्वारा उठाया गया. आज जैसा कि मैंने पंजाब मॉडल पेश किया, यह स्पष्ट है कि वे जानते हैं, वास्तव में पंजाब के लिए कौन लड़ रहा है.

मालूम हो कि इससे पहले भी नवजोत सिंह सिद्धू कई बार पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साध चुके हैं. अब कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने आम आदमी पार्टी की तारीफ कर एक फिर से चर्चा में आ गये है. बता दें कि पिछले काफी वक्त से ऐसी चर्चाएं चल रही हैं कि कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू पर आम आदमी पार्टी की नजर है.

सियासी गलियारों में चर्चा तेज है कि आम आदमी पार्टी पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने वाली है. ऐसे में आम आदमी पार्टी को एक मजबूत दावेदार की तलाश है. मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि आप की नजर में नवजोत सिंह सिद्धू एक बेहतर दावेदार है. ऐसे में नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा ट्वीट कर आम आदमी पार्टी की तारीफ किया जाना कई मामलों में अहम बताया जा रहा है.

इधर, कांग्रेस आलाकमान की टेंशन यह है कि 2022 में विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी कोई भी जोखिम लेने के मूड में नहीं है. बताया जा रहा है कि पंजाब में कांग्रेस को पार्टी में बदलाव को लेकर फैसला करना है. सिद्धू का पार्टी में समायोजन सबसे अहम फैक्टर माना जा रहा है. चर्चा है कि नवजोत सिंह सिद्धू प्रदेश कांग्रेस कमिटी अध्यक्ष के पद के लिए अड़े हुए हैं. लेकिन, उन्हें मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ ही अगली पीढ़ी के नेताओं के विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है.