राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कृषि कानूनों को किसानों के लिए लाभदायक बताया और कहा कि इससे किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी और उन्हें लाभ होगा. उन्होंने कहा कि मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि तीन नये कृषि कानून बनने से पहले, पुरानी व्यवस्थाओं के तहत जो अधिकार थे तथा जो सुविधाएं थीं, उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गयी है. बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नयी सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नये अधिकार भी दिये हैं.

हालांकि अभी इन कानूनों पर रोक है और हम सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का सम्मान करते हैं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर जो भ्रम की स्थिति है उसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. हम हर आंदोलन का सम्मान करते हैं लेकिन गणतंत्र दिवस के दिन जिस तरह तिरंगे का अपमान हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है. यह हमारे देश के सबसे पवित्र दिन का अपमान है. उन्होंने कहा कि देश में हर कानून और नियम का पालन होना चाहिए.

गौरतलब है कि कृषि कानून का विरोध करते हुए आज लगभग 19 पार्टियों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया है. कोविंद ने कहा, व्यापक विमर्श के बाद संसद ने सात महीने पूर्व तीन महत्वपूर्ण कृषि सुधार, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, कृषि (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक, और आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक पारित किए हैं.

उन्होंने कहा, इन कृषि सुधारों का सबसे बड़ा लाभ भी 10 करोड़ से अधिक छोटे किसानों को तुरंत मिलना शुरू हुआ. छोटे किसानों को होने वाले इन लाभों को समझते हुए ही अनेक राजनीतिक दलों ने समय-समय पर इन सुधारों को अपना भरपूर समर्थन दिया था. राष्ट्रपति ने कहा कि कृषि को और लाभकारी बनाने के लिए मेरी सरकार आधुनिक कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिए एक लाख करोड़ रुपए के एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की शुरुआत की गई है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि जब भी भारत एकजुट हुआ है, उसने असंभव लक्ष्यों को भी हासिल किया है.

Also Read: Lalu Yadav Case : लालू प्रसाद को जमानत के लिए अभी और करना होगा इंतजार, 5 फरवरी को अगली सुनवाई

Posted By : Rajneesh Anand