Coal Power Crisis देश में बिजली के बड़े संकट की चपेट में जाता देख एक ओर जहां राज्यों ने केंद्र सरकार से मदद मांगी है. वहीं, पावर सप्लाई करने वाली कंपनियां भी ग्राहकों से सोच समझकर बिजली खर्च करने को कह रही हैं. इस बीच, विद्युत मंत्रालय ने कहा कि स्थिति में जल्द ही सुधार की संभावना है.

न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ऊर्जा मंत्रालय ने कहा कि कोयला मंत्रालय और कोल इंडिया लिमिटेड ने शुक्रवार को आश्वासन दिया है कि वे अगले तीन दिनों में बिजली क्षेत्र को 1.6 मीट्रिक टन/दिन तक प्रेषण बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं और 1.7 मीट्रिक टन/दिन को देने का प्रयास कर रहे हैं. इससे निकट भविष्य में बिजली संयंत्रों में कोयले के भंडार के क्रमिक निर्माण में मदद मिलने की संभावना है.

मंत्रालय ने कहा है कि लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था में सुधार के बाद अचानक बिजली की मांग में बड़ा उछाल आया है. वहीं, सितंबर महीने में भारी बारिश के कारण खदानों से कोयले की कम निकासी और बाहर से आने वाले कोयले की कीमतों में तेजी के कारण कोयले का संकट उत्पन्न हुआ है. मंत्रालय ने कहा कि इसे जल्द ठीक कर लिया जाएगा.

ऊर्जा मंत्रालय की कोर मैनेजटमेंट टीम फिलहाल हर रोज कोल स्टॉक पर काफी बारिकी से नजर रख रही है. इसके अलावा यह टीम कोल इंडिया लिमिटेड और रेलवे के संपर्क में है ताकि पावर प्लांट्स को कोयले की सप्लाई की जा सके. केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने शनिवार को कहा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोयले के दाम बढ़े हैं जिसकी वजह से इसकी कमी आई है और बिजली उत्पादन क्षमता भी प्रभावित हुई है. हालांकि, उन्होंने भरोसा दिलाया है कि हालात पर अगले तीन, चार दिनों में काबू पा लिया जाएगा.

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