नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच दिन की यात्रा पर रोम और ग्लासगो जा रहे हैं. इस दौरान वह विश्व के कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे. विदेश मंत्रालय ने रविवार (24 अक्टूबर) को यह जानकारी दी. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि प्रधानमंत्री की ये पांच दिवसीय यात्रा 29 अक्टूबर से शुरू होगी.

विदेश मंत्रालय ने बताया है कि प्रधानमंत्री इटली के रोम और ब्रिटेन के ग्लासगो जायेंगे. 29 अक्टूबर से 2 नवंबर की यात्रा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी जी-20 के 16वें शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. साथ ही जलवायु परिवर्तन पर होने वाले 26वें शिखर सम्मेलन COP-26 में भी वह हिस्सा लेंगे.

इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री कई द्विपक्षीय बैठकें करेंगे. रोम में इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्रागी से द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर वार्ता होगी. इतना ही नहीं, COP-26 की बैठक से इतर भी पीएम मोदी की कई बैठकें होंगी. इसमें ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ उनकी बैठक शामिल है.

Also Read: जलवायु परिवर्तन को लेकर आयोजित विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन-2021 का PM मोदी करेंगे उद्घाटन

उल्लेखनीय है कि जलवायु परिवर्तन से निबटने के लिए ठोस कदम उठाने पर COP-26 में बल दिया जा सकता है. दुनिया भर के पर्यावरणविद और राष्ट्र नेता कह रहे हैं कि अगर जलवायु परिवर्तन के कारकों को अभी से नियंत्रित नहीं किया गया, तो धरती का तापमान तेजी से बढ़ेगा और अपनी धरती खतरे में पड़ जायेगी.

क्योटो प्रोटोकॉल पर अब तक अमल नहीं हुआ है. इस पर भी पीएम नरेंद्र मोदी समेत विकासशील देशों के नेता चिंता व्यक्त कर सकते हैं. इस वैश्विक संकट से निबटने के लिए कौन-कौन से नये कदम उठाने की जरूरत है, उस पर भी चर्चा होगी. क्योटो में तय हुआ था कि धरती के तापमान को 2 डिग्री से ज्यादा नहीं बढ़ने देना है.

ग्लोबल वार्मिंग की वजह से केरल और उत्तराखंड में मची तबाही

दरअसल, औद्योगीकरण के बाद धरती का तापमान तेजी से बढ़ा है. इसकी वजह से तरह-तरह की प्राकृतिक आपदाएं आती रहती हैं, जिसमें बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान होता है. ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं. बहुत ज्यादा बारिश की वजह से पहाड़ टूट रहे हैं. भारत में केरल और उत्तराखंड में हाल में भी ऐसी ही आपदाएं आयीं, जिसमें 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी.

Posted By: Mithilesh Jha