‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले नौ वर्षों में हुए विकास की चर्चा से कुछ लोगों को बहुत परेशानी होती है और श्रेय पाने के ऐसे भूखे लोगों व राज करने की उनकी भावना ने देश का बहुत अहित किया है. प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर में 1,123 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित पहले ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIMS), गुवाहाटी को राष्ट्र को समर्पित करने के लिए आयोजित एक समारोह में यह भी कहा कि ऐसी भावना रखने वालों को उत्तर पूर्व के राज्य दूर लगते थे लेकिन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली सरकार समर्पण भाव से वहां की सेवा करती है.
देश पर राज किया है लेकिन उन्हें क्रेडिट क्यों नहीं मिलता?
PM Narendra Modi ने कहा कि- उनकी सरकार ने पिछले नौ वर्षों में पूर्वोत्तर में सामाजिक बुनियादी ढांचे में आमूलचूल सुधार सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत की है. मोदी ने कहा- आजकल एक नयी बीमारी देखने को मिल रही है. मैं देश में कही भी जाता हूं, पिछले नौ वर्षों में हुए विकास की चर्चा करता हूं तो कुछ लोगों को बहुत परेशानी हो जाती है. ये नयी बीमारी है उनकी शिकायत. वे शिकायत करते हैं कि दशकों तक उन्होंने भी देश पर राज किया है लेकिन उन्हें क्रेडिट क्यों नहीं मिलता?
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बाघ अभयारण्य स्थित जंगल सफारी का लुत्फ उठाया
पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा- क्रेडिट के भूखे लोगों और जनता पर राज करने की भावना ने देश का बहुत अहित किया है. जनता को ईश्वर का रूप करार देते हुए मोदी ने कहा कि- पहले वाले क्रेडिट के भूखे थे इसलिए पूर्वोत्तर उन्हें दूर लगता था. मोदी ने कहा- एक पराएपन का भाव उन्होंने पैदा कर दिया था. हम तो सेवा भाव से, आपके सेवक होने की भावना से, समर्पण भाव से आपकी सेवा करते रहते हैं, इसलिए पूर्वोत्तर हमें दूर भी नहीं लगता और अपनेपन का भाव भी कभी भी कम नहीं होता है. उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अक्सर यह आरोप लगाती है कि प्रधानमंत्री उसके नेतृत्व वाली सरकार द्वारा आरंभ की गई योजनाओं का श्रेय भी खुद ही लेते हैं. हाल ही में प्रधानमंत्री ने कर्नाटक के बांदीपुर बाघ अभयारण्य स्थित जंगल सफारी का लुत्फ उठाया था और इससे जुड़ी कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की थी.
1973 में बांदीपुर बाघ संरक्षण परियोजना लागू की
कांग्रेस ने इस पर तंज कसते हुए कहा था कि- यह कांग्रेस की ही सरकार थी जिसने 1973 में बांदीपुर बाघ संरक्षण परियोजना लागू की थी, जहां प्रधानमंत्री सफारी का आनंद ले रहे हैं. बहरहाल, प्रधानमंत्री ने एम्स, गुवाहाटी के साथ ही नलबाड़ी चिकित्सा महाविद्यालय, नागांव चिकित्सा महाविद्यालय, और कोकराझार चिकित्सा महाविद्यालय को भी राष्ट्र को समर्पित किया. उन्होंने कहा कि एम्स, गुवाहाटी और चिकित्सा महाविद्यालयों जैसी नयी सुविधाओं की शुरुआत से असम और पूरे पूर्वोत्तर में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी. उन्होंने एम्स, गुवाहाटी परिसर में आयोजित समारोह में कहा कि दशकों तक पूर्वोत्तर कई औऱ चुनौतियों से जूझता रहा है लेकिन पिछले नौ वर्षों में यहां सामाजिक बुनियादी ढांचे में काफी सुधार हुआ है.
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2014 के बाद सारी कमियां दूर
प्रधानमंत्री ने कहा कि- जब किसी क्षेत्र में परिवारवाद, क्षेत्रवाद, भ्रष्टाचार और अस्थिरता की राजनीति हावी होती है तब विकास होना असंभव हो जाता है और यही देश के स्वास्थ्य तंत्र के साथ हुआ. उन्होंने दिल्ली स्थित एम्स का उल्लेख करते हुए कहा कि यह 50 के दशक में बना था और देश के कोने-कोने से लोग आकर इसमें इलाज कराते थे लेकिन दशकों तक किसी ने ये नहीं सोचा कि देश के दूसरे हिस्सों में भी एम्स खोलने चाहिए. उन्होंने कहा- अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने पहली बार इसके लिए प्रयास शुरू किए थे. लेकिन, उनकी सरकार जाने के बाद फिर सब ठप्प का ठप्प पड़ गया. जो एम्स खोले भी गए, वहां व्यवस्थाएं खस्ताहाल ही रहीं. 2014 के बाद हमने इन सारी कमियों को दूर किया. हमने बीते वर्षों में 15 नए एम्स पर काम शुरु किया. इनमें से अधिकतर में इलाज और पढ़ाई दोनों सुविधा शुरु हो चुकी है.
हर साल 100 MBBS के छात्रों की वार्षिक प्रवेश क्षमता
कुल 1,123 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित, एम्स गुवाहाटी 30 आयुष बिस्तरों सहित 750 बिस्तरों वाला एक अत्याधुनिक अस्पताल है. इस अस्पताल में हर साल 100 MBBS के छात्रों की वार्षिक प्रवेश क्षमता होगी. यह अस्पताल उत्तर पूर्व के लोगों को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करेगा. मोदी ने कहा कि पहले की सरकारों की नीतियों की वजह से देश में चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों की बहुत कमी रही और यह भारत में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ सेवा के सामने बहुत बड़ी दीवार थी. उन्होंने कहा कि इसलिए उनकी सरकार ने चिकित्सा अवसरंचना और चिकित्सकीय पेशेवर बढ़ाने पर बड़े स्तर पर काम किया है. उन्होंने कहा- 2014 से पहले 10 सालों में करीब 150 चिकित्सा महाविद्यालय ही बने थे जबकि पिछले नौ वर्षों में हमारी सरकार में करीब 300 नए चिकित्सा महाविद्यालय बने हैं. इस अवधि में एमबीबीएस सीटें भी दोगुनी बढ़कर 1 लाख से अधिक हो चुकी हैं जबकि पीजी सीटों में भी 110 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
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एएएचआईआई का किया शिलान्यास
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने तीन प्रतिनिधि लाभार्थियों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) कार्ड वितरित कर आपके द्वार आयुष्मान अभियान की औपचारिक शुरुआत की. इसके बाद राज्य के सभी जिलों में लगभग 1.1 करोड़ एबी-पीएमजेएवाई कार्ड वितरित किए जायेंगे. मोदी ने असम एडवांस्ड हेल्थ केयर इनोवेशन इंस्टीट्यूट (एएएचआईआई) का शिलान्यास भी किया. देश में स्वास्थ्य सेवा में उपयोग की जाने वाली अधिकांश प्रौद्योगिकियां आयात की जाती हैं और वे एक अलग संदर्भ में विकसित की जाती हैं, जो भारतीय परिवेश में संचालित करने की दृष्टि से अत्यधिक महंगी और जटिल होती हैं. एएएचआईआई की परिकल्पना इन्हीं सन्दर्भों को ध्यान में रखकर की गई है और यह संस्थान ‘हम अपनी समस्याओं का समाधान खुद ढूंढ़ लेते हैं’ वाले दृष्टिकोण के साथ काम करेगा.
AAHII का निर्माण 546 करोड़ रुपये की लागत से
AAHII का निर्माण लगभग 546 करोड़ रुपये की लागत से किया जाना है. यह चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में अत्याधुनिक आविष्कारों और अनुसंधान एवं विकास की सुविधा प्रदान करेगा, स्वास्थ्य से संबंधित देश की अनूठी समस्याओं की पहचान करेगा और उन समस्याओं को हल करने के लिए नई तकनीकों के विकास को बढ़ावा देगा. इससे पहले, असम के वसंत उत्सव रोंगाली बिहू के पहले दिन एक दिवसीय यात्रा पर गुवाहाटी पहुंचने पर राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी की अगवानी की.