नयी दिल्ली : जी-20 शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकृष्ट कराया. दुनिया में कोविड-19 महामारी को लेकर आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से लड़ने पर भी अपना ध्यान केंद्रित रखना उतना ही महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन को भूमिगत कक्ष में नहीं बल्कि एकीकृत, व्यापक और समग्र तरीके से लड़ा जाना चाहिए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्होंने कहा कि भारत ने कम कार्बन और जलवायु-लचीला विकास प्रथाओं को अपनाया है. भारत ना केवल हमारे पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा कर रहा है, बल्कि उनसे अधिक भी है.

अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन सबसे तेजी से बढ़ते अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक है. हम अरबों डॉलर जुटाने की योजना बनाते हैं. हजारों हितधारकों को प्रशिक्षित करते हैं और अक्षय ऊर्जा में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देते हैं. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में योगदान देगा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि नयी और स्थायी प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ाने के लिए यह सबसे अच्छा समय है. हमें सहयोग और सहयोग की भावना के साथ ऐसा करना चाहिए.

साथ ही उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया तेजी से प्रगति कर सकती है, यदि विकासशील दुनिया के लिए प्रौद्योगिकी और वित्त का अधिक समर्थन है. मानवता की समृद्धि के लिए, हर एक व्यक्ति को समृद्ध होना चाहिए.