‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
Parliament Budget session 2021: आज से शुरू होने जा रहा बजट सत्र हंगामेदार रह सकता है, क्योंकि विपक्षी दलों ने तीन नये कृषि कानूनों, पूर्वी लद्दाख गतिरोध, अर्थव्यवस्था की स्थिति और महंगाई के मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है. कांग्रेस, वाम दलों, शिवसेना, तृणमूल कांग्रेस, आप समेत देश के 18 विपक्षी दलों ने किसानों के प्रति एकजुटता जाहिर करते हुए शुक्रवार को संसद के बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार का फैसला किया है.
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने शनिवार को 18 दलों ने ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा में केंद्र की भूमिका की जांच की मांग की है. बता दें कि संसद में 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. वहीं बजट सत्र की शुरुआत आज राष्ट्रपति का अभिभाषण के साथ शुरू होगा. वहीं विपक्षी दलों द्वारा संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार के फैसले को लेकर सरकार ने हैरानी जतायी है.
केन्द्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने कहा है कि राष्ट्रपति दलगत राजनीति से ऊपर होते हैं इसलिए विपक्ष को ऐसी राजनीति नहीं करनी चाहिए. बता दें कि कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार के तीन नये कृषि कानूनों को लगातार वापसी का मांग कर रही है. कांग्रेस किसान आंदोलन के मुद्दे पर लगातार सरकार को घेर रही है. वहीं पश्चिम बंगाल विधानसभा ने गुरुवार को केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ संकल्प पारित किया और इन कानूनों को फौरन वापस लिये जाने की मांग की. संकल्प पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार इन कानूनों को वापस ले या सत्ता से हट जाए.