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Operation Sankalp: यह कार्रवाई ‘ऑपरेशन संकल्प’ के तहत की गई, जिसके तहत भारतीय नौसेना के जहाजों को अरब सागर और अदन की खाड़ी में तैनात किया गया है ताकि क्षेत्र से गुजरने वाले नाविकों और मालवाहक पोतों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. नौसेना ने कहा, आईएनएस कोलकाता पकड़े गए 35 समुद्री लुटेरों को लेकर 23 मार्च को मुंबई पहुंचा. भारतीय कानूनों, विशेष रूप से समुद्री डकैती-रोधी अधिनियम, 2022 के अनुसार आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए समुद्री लुटेरों को स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया.
40 घंटों की कार्रवाई के बाद समुद्री लुटेरों को पकड़ा गया
नौसेना के अधिकारियों ने बताया, सूचना के आधार पर 15 मार्च की सुबह शुरू हुए 40 घंटे से अधिक समय तक चले अभियान के दौरान आईएनएस कोलकाता ने अरब सागर में समुद्री लुटेरों के जहाज ‘एक्स-एमवी रुएन’ को रोका. नौसेना ने कहा कि जहाज ‘एक्स-एमवी रुएन’ का इस्तेमाल समुद्र क्षेत्र में लूटपाट करने और वाणिज्यिक पोतों को बंधक बनाने के लिए किया जा रहा था.
लुटेरों को पकड़ने के लिए ऐसा चलाया गया अभियान
15 मार्च की सुबह से आईएनएस कोलकाता ने समुद्री लुटेरों के जहाज पर नजर रखनी शुरू कर दी. आईएनएस कोलकाता को देखते ही लुटरों के जहाज ने रास्ता बदल लिया और सोमाली तट की ओर बढ़ने लगा. नौसेना ने कहा कि जहाज के ऊपरी डेक पर कई सशस्त्र समुद्री लुटेरे देखे गए. आईएनएस कोलकाता ने समुद्री डाकू जहाज को अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार जांच के लिए रुकने का निर्देश दिया. हालांकि, समुद्री डाकू जहाज की तरफ से गोलीबारी शुरू कर दी गई. इसके बाद आईएनएस कोलकाता ने आत्मरक्षा में कार्रवाई की और जहाज को निष्क्रिय करने तथा समुद्री लुटेरों को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर किया.
नौसेना की कार्रवाई के बाद समुद्री लुटेरों ने आत्मसमर्पण कर दिया
नौसेना ने कहा, भारतीय नौसेना की निर्णायक कार्रवाई के बाद जहाज पर सवार सभी समुद्री लुटेरों ने आत्मसमर्पण कर दिया. 35 समुद्री लुटेरों और चालक दल के 17 सदस्यों को हिरासत में ले लिया गया और भारतीय नौसेना के जहाजों में स्थानांतरित कर दिया गया.
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