केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि चीन से डरने की जरूरत नहीं है. मंगलवार को आईआईएम मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान  उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि हमें चीन से डरना चाहिए. जयशंकर ने कहा कि मुझे लगता है कि हमें कहना चाहिए, ठीक है, वैश्विक राजनीति एक प्रतिस्पर्धी खेल है, आप अपना सर्वश्रेष्ठ करें, मैं अपना सर्वश्रेष्ठ करूंगा. उन्होंने कहा कि चीन एक प्रमुख अर्थव्यवस्था है, यह संसाधनों को तैनात करेगा. वह अपने तरीके से चीजों को आकार देने की कोशिश करेगा. जयशंकर ने कहा कि इसके लिए हमें शिकायत करने की जरूरत नहीं है कि चीन ऐसा कर रहा है. उन्होंने कहा कि इसका उत्तर है कि आप यह कर रहे हैं, हम आपसे बेहतर करेंगे.

लाल सागर में नौसेना की भूमिका पर कही यह बात
वहीं, लाल सागर में नौसेना की तैनाती पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत की क्षमता, हमारी प्रतिष्ठा का यह मतलब है कि हम कठिन परिस्थितियों में मदद करें. उन्होंने कहा कि अगर हम कुछ नहीं करते हैं तो हमें जिम्मेदार राष्ट्र नहीं माना जाएगा. गौरतलब है कि
भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस सुमित्रा ने सशस्त्र समुद्री डाकुओं की ओर से अपहरण कर लिये गये मछली पकड़ने वाले जहाज अल नामी को बचाया था. इससे पहले भी कई बार भारतीय नौसेना ने समुद्री लुटेरों के खिलाफ ऑपरेशन किया है. बता दें, भारतीय नौसेना के युद्धपोत सुरक्षा प्रदान करने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र के चारों ओर तैनात हैं.

पीएम मोदी के साथ काम करने के सवाल पर दिया यह जवाब
आईआईएम मुंबई  के छात्रों ने विदेश मंत्री से सवाल पूछा कि पीएम नरेंद्र मोदी के साथ विदेश मंत्री के तौर पर काम करना उन्हें कैसा लगता है. इस पर उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के साथ मेरा सफर बहुत रोमांचक है.उन्होंने कहा कि पीएम मोदी साहसिक कदम उठाने वाले प्रधानमंत्री हैं. उनमें महत्वाकांक्षा है, देश के लिए बड़े विचार हैं. वो नए विचारों को खुले तौर पर अपनाकर उन्हें पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ाने का काम करते हैं. विदेश मंत्री ने पीएम नरेंद्र मोदी को साहसिक फैसले लेने वाला और देश के लिए समर्पित भाव से काम करने वाला प्रधानमंत्री बताया है.

इजराइल-हमास संघर्ष पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह एक आसान मुद्दा नहीं है. उन्होंने कहा कि इजराइल में 7 अक्टूबर को जो हुआ था वह आतंकवाद था. किसी को भी इसमें भ्रम नहीं होना चाहिए.  जयशंकर ने कहा कि भारत ने भी आतंकवाद को बहुत करीब से देखा है और झेला भी रहे हैं. ऐसे में आतंकवाद के खिलाफ सभी को एकजुट होना चाहिए. उन्होंने कहा कि इजराइल हमास संघर्ष की उचित, निष्पक्ष और व्यवहार्य समाधान तलाशना होगा.


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