कांग्रेस नेता नवजोत सिद्धू 1988 के रोड रेज मौत मामले में अपनी सजा काटने के बाद पटियाला केंद्रीय कारागार से बाहर आ गये हैं. जेल से बाहर निकलते ही उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी और पंजाब की भगवंत मान सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा, आज लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है. जिस वक्त वह जेल से बाहर आए, उस वक्त उन्होंने आसमानी रंग की जैकेट पहन रखी थी. ऐसी उम्मीद थी कि उन्हें दोपहर तक रिहा कर दिया जाएगा, लेकिन वह शाम पांच बजकर 53 मिनट पर जेल से बाहर निकले.

पंजाब में हो रही राष्ट्रपति शासन लगाने की कोशिश

पटियाला जेल से रिहा होने के तुरंत बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, अभी लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है. पंजाब में राष्ट्रपति शासन लाने की साजिश हो रही है. पंजाब में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है. सिद्धू ने चेतावनी देते हुए कहा, पंजाब को कमजोर करने की कोशिश की तो कमजोर हो जाओगे.

सिद्धू ने राहुल गांधी को बताया क्रांति

जब भी तानाशाही इस देश में आयी, एक क्रांति आयी. मैं छाती ठोककर कहता हूं कि उस क्रांति का नाम है राहुल गांधी. राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की जड़ें हिला दी हैं. सिद्धू ने कहा, आज लोकतंत्र बेड़ियों में है. मेरा छोटा भाई भगवंत मान भी अगर सुन रहा होगा, तो यह उसके लिए भी है. सिद्धू ने कहा, पंजाब देख की ढाल है और उसे तोड़ने की कोशिश हो रही है.

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पटियाला जेल के बाहर सुबह से ही जमे थे समर्थक

नवजोत सिंह सिद्धू के पटियाला केंद्रीय कारागार से बाहर निकलने से पहले जेल के बाहर भारी संख्या में समर्थक सुबह से जमे हुए थे. पूर्व क्रिकेटर की रिहाई पर उनका भव्य स्वागत करने के लिए कांग्रेस के कई नेता और समर्थक जेल के बाहर एकत्र हुए और ‘नवजोत सिद्धू जिंदाबाद’ के नारे लगाए. सिद्धू (59) के स्वागत के लिए जेल के बाहर खड़े उनके समर्थकों ने ढोल बजाकर रिहाई का जश्न मनाया. नवजोत सिद्धू के स्वागत के लिए समर्थकों ने पटियाला शहर में कई जगहों पर उनके पोस्टर और होर्डिंग लगाए हैं.

सिद्धू के बेटे करण ने कहा- पिता को जेल से रिहा होता देखकर उन्हें खुशी हो रही

सिद्धू के बेटे करण सिद्धू ने कहा कि पूरा परिवार उनके पिता की जेल से रिहाई का बेसब्री से इंतजार कर रहा था. करण ने कहा कि पिछला कुछ समय उनके परिवार के लिए बहुत मुश्किल भरा रहा, लेकिन अब उनके पिता को जेल से रिहा होता देखकर उन्हें खुशी हो रही है.

जानें किस मामले में हुई थी सिद्धू को जेल की सजा

नवजोत सिंह सिद्धू को वर्ष 1988 के रोड रेज मामले में एक साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी. कांग्रेस की पंजाब इकाई के पूर्व प्रमुख ने पटियाला की एक अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था, जिसके बाद उन्हें पिछले साल 20 मई को जेल भेज दिया गया था.